छत्तीसगढ़ : प्रेमिका के गुप्तांगों को सिगरेट से जलाने, शरीर को दांतों से काटने वाला सनकी ऑपरेशन ‘अंकुश’ में फंसा

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जशपुर : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की पुलिस ने ऑपरेशन अंकुश के तहत एक बेहद खतरनाक और मोस्ट वांटेड आरोपी रितेश प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी किसी फिल्मी सस्पेंस से कम नहीं रही  घटनाक्रम में एक आरोपी का भागना, पुलिस की लापरवाही, जंगलों में छिपा फरार अपराधी और अंततः एक सटीक सूचना के आधार पर गिरफ्तारी।

दिनांक 02 जून 2025 को जिला जेल जशपुर से न्यायालय पेशी के लिए लाए गए रितेश प्रताप सिंह  पुलिस को चकमा देकर लोरो घाट में चलती बस से कूदकर फरार हो गया था। इस चूक पर SSP शशि मोहन सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पाँच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए SSP ने एक विशेष टीम गठित की और पूरे जिले में मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया।

मोहल्ला डुगडुगीया (थाना कुनकुरी) निवासी रितेश (24 वर्ष) पर थाना नारायणपुर में दर्ज एक नाबालिग लड़की से मारपीट और शारीरिक उत्पीड़न का गंभीर मामला दर्ज था। 2023 में भी वह लड़की को शादी का झांसा देकर भगा चुका था।17 मई 2025 को वह फिर उसी लड़की को बाइक से अगवा कर बादलखोल जंगल ले गया, जहां उसने उसे गाली-गलौच, मारपीट की और बाद में अपने घर कुनकुरी तथा एक रिश्तेदार के घर ले जाकर शारीरिक प्रताड़ना की हदें पार कर दीं — लड़की के गुप्तांगों को सिगरेट से जलाना और दांतों से काटना जैसे वीभत्स अपराध किए।पीड़िता किसी तरह भागकर बची और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद 20 मई को आरोपी को जेल भेजा गया था।

फरारी के बाद रितेश के संभावित ठिकानों पर पुलिस की दबिश लगातार जारी रही। तकनीकी टीम, मुखबिर तंत्र और मैदानी अधिकारी हर एंगल से काम में जुटे थे। आखिरकार एक सटीक सूचना ने काम कर दिया  खबर मिली कि रितेश सरबकोम्बो के बादल खोल जंगल में छिपा है और भागने की तैयारी में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे मांग रहा है।

सूचना मिलते ही SSP के निर्देश पर थाना दुलदुला और बगीचा की पुलिस टीमों ने जंगल में घेराबंदी की और फरार रितेश प्रताप सिंह को ज़िंदा पकड़ा गया। पुलिस टीम में इंस्पेक्टर संतलाल आयाम, प्रधान आरक्षक मोहन बंजारे, आरक्षक बसंत खुटिया, विनोद राम, सुरेन्द्र निराला, याकूब एक्का, और आनंद खलखो की विशेष भूमिका रही। जशपुर के SSP शशि मोहन सिंह ने गिरफ्तारी में साहस दिखाने वाले इंस्पेक्टर संतलाल आयाम और आरक्षक बसंत खुटिया को नगद पुरस्कार देने की घोषणा की।

उन्होंने कहा,”पुलिस की यह कार्यवाही दर्शाती है कि अपराधी चाहे जितना भी चालाक क्यों न हो, कानून के हाथ लंबे होते हैं। अब आरोपी रितेश प्रताप सिंह को न्यायिक रिमांड पर दोबारा जेल भेजा जा रहा है। उसकी फरारी को लेकर थाना दुलदुला में धारा 262 (BNS) के तहत अलग से मामला दर्ज किया गया है।

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