नई दिल्ली : चाइनीज अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने एक आर्टिकल छापा है. जिसमें दावा किया गया है ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस खरीदने के लिए कई मुल्क लाइन लगाकर खड़े हैं. खास बात ये है कि इस आर्टिकल में ब्रह्मोस के आगे पाकिस्तान के डिफेंस सिस्टम के नाकाम होने का भी दावा किया गया है. जबकि सच ये है कि पाकिस्तान में चीन के ही डिफेंस सिस्टम तैनात थे यानी एक तरफ से चीन मान रहा है कि पाकिस्तान की हार उसकी हार है.
पाकिस्तान में फिर ब्रह्मोस की गूंज! : पूरे पाकिस्तान ने आज फिर से ब्रह्मोस-ब्रह्मोस सुनाई दिया. ऑपरेशन सिंदूर के करीब 2 महीने बाद पाकिस्तान पर फिर से आज खौफनाक मिसाइल चल गई. जानते हैं क्यों. क्योंकि चीन में भारत के ब्रह्मोस को लेकर बहस छिड़ गई है. चाइनीज अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने ब्रह्मोस को लेकर एक बड़ा आर्टिकल छापा है. जिसमें बताया गया है कि भारत की इस सुपरसोनिक मिसाइल ने किस तरह पाकिस्तान में तबाही मचा दी.
चाइनीज आर्टिकल में ऐसी कई बड़ी बातें कही गई हैं. जिन्हें पढ़कर पाकिस्तानी जल भुन गए हैं. मसलन, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस ने बेहद सटीक हमले किए और पाकिस्तान का डिफेंस सिस्टम इन हमलों को रोकने में नाकाम रहा. ब्रह्मोस के सक्सेस रेट को देखते हुए दुनिया के 15 देश इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
धोखा दे गए चीन के रडार! : चीन आर्टिकल में ये तो मान रहा है कि पाकिस्तान का डिफेंस सिस्टम ब्रह्मोस को रोकने में नाकाम हो गया. मगर ये कहीं नहीं बता रहा है कि पाकिस्तान में चीन का ही डिफेंस सिस्टम तैनात था. अगर सीधे-सीधे कहे के तो ब्रह्मोस ने जितना नुकसान पाकिस्तान को पहुंचाया. उससे कहीं ज़्यादा फजीहत चीन की पूरी दुनिया में हुई हैं. क्योंकि पाकिस्तान चाइनीज डिफेंस सिस्टम के भरोसे ही बैठा था.
बता दें कि पाकिस्तान ने भारत से बचने के लिए चीन का HQ9 और HQ16 डिफेंस सिस्टम लगा रखा था. जिसके बारे में चीन दावा करता है कि ये हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी इंटरसेप्ट कर सकता हैं. मगर हाइपरसोनिक मिसाइल तो छोड़िए ये भारत की सुपरसोनिक ब्रह्मोस के सामने ही फेल हो गया. जिसका नतीजा ये निकला कि पाकिस्तान को डिफेंस सिस्टम के लिए अब जर्मनी की तरफ देखना पड़ रहा है. जबकि भारत की ब्रह्मोस को खरीदने के लिए 15 देश कतार में आ गए हैं. जिसकी पुष्टि चाइनीज अखबार ने भी अपने आर्टिकल में की है. जानते हैं क्यों.
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह खुद कबूल कर रहे हैं कि ब्रह्मोस ने पाकिस्तान के पसीने छुड़ा दिए थे. आसिम मुनीर के पास ऐसा कोई रास्ता नहीं बचा था कि ब्रह्मोस को किसी भी तरह रोक सकें. मतलब अगर अमेरिका बीच में ना आता तो पाकिस्तान तबाह हो जाता.
15 देश ब्रह्मोस खरीदने की लाइन में : चीन ने भले ही अपने आर्टिकल में भारतीय बढ़ती ताकत का लोहा माना है. मगर चालबाजी से यहां भी बाज नहीं आया…वो ऐसे कि उसे एशिया से लेकर दक्षिण अमेरिका तक 15 देशों के नाम गिना दिए हैं. जो भारत की इस मिसाइल को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. मगर जिन पड़ोसियों से चीन का पंगा रहता है. उस फिलीपींस, इंडोनेशिया और वियतनाम का नाम नहीं लिया है.
बता दें कि फिलीपींस ने तो ब्रह्मोस लिया ही चीन के लिए हैं. जिस तरह पाकिस्तान में चाइनीज डिफेंस सिस्टम पिटे हैं. उसके बाद फिलीपींस को भी भरोसा हो गया है कि ड्रैगन की अक्ल ब्रह्मोस ही ठिकाने लगाएगी.