पाकिस्तान : चीन की कंपनियों में कार्यरत मुस्लिमों के नमाज पढ़ने पर रोक, मुल्ला-मौलवी बिफरे-दी धमकी 

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नई दिल्ली/इस्लामाबाद : चीन ने क्या पाकिस्तान के लोगों को नाम पढ़ने से रोक दिया है. क्या पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन ने उसकी पीठ में खंजर घोंप दिया है. आखिर पाकिस्तान मे ऐसा क्या हो गया है कि वहां के मुल्ला-मौलवी चीन से बुरी तरह खार खा गए हैं और उसे सबक सिखाने की धमकी देने लगे हैं. वे उसे मुस्लिम देश बनाने और उस पर हुकूमत करने का मंसूबा भी पालने लगे हैं.

कामचोरी रोकने के लिए फरमान जारी : दरअसल…चीन की कंपनियां पाकिस्तान में जितने भी प्रोजेक्ट चला रही हैं. वहां पर पाकिस्तान के लोग भी काम करते हैं, जो नमाज़ के बहाने अक्सर कामचोरी करते रहते हैं. लिहाज़ा चीन ने फरमान जारी कर दिया है कि जो भी पाकिस्तानी चाइनीज़ प्रोजेक्ट पर काम करेगा. वो नमाज़ नहीं पढ़ेगा. बस इसी वजह से मौलवी साहब आपसे से बाहर रहे हैं.

चीन के इस फैसले से पाकिस्तान के मुल्ला-मौलवी बिफरे हुए हैं. एक मौलवी ने धमकी देते हुए कहा, ‘चाइनीज को बोलें ये तुम्हारे बाप का मुल्क नहीं है. जब चंद लोग जमा होंगे ना और तबीयत से उसकी पिटाई होगी. तो इंशाल्लाह उसका बाप भी नमाज़ पढ़ने देगा आपको, इसमें नमाजियों को सुस्ती करने की इजाजत नहीं है. लोग क्या कर रहे हैं फोन आते हैं आज भी सुबह कोई पूछ रहा था. असल में वो नमाज़ पढ़ने नहीं दे रहा है. वो जॉब जाने का खतरा है. तो फिर हम मजबूरन. क्यों भाई ये हमारा मुल्क है. ये इनके बाप का मुल्क थोड़े है.’

उइगुर मुस्लिमों की हस्ती मिटा चुका है चीन : बिल्कुल सही कहा मौलवी साहब. पाकिस्तान किसी के बाप का मुल्क थोड़े ही है. असल में पाकिस्तान का तो बाप ही आजकल चीन बना हुआ है. तभी तो उसने पाकिस्तान में नमाज़ पढ़ने पर रोक लगी हैं. लेकिन पाकिस्तानियों की क्या मजाल जो चीन के सामने आवाज़ भी ऊंची कर ले. उनका बाल-बाल तक चीन के कर्ज में डूबा है. बीजिंग से एक फरमान आता है और  मियां शहबाज़ शरीफ से लेकर जनरल आसिम मुनीर तक दंडवत हो जाते हैं. फिर पाकिस्तानी अवाम की तो औकात ही क्या है.

वैसे भी चीन कोई हिंदुस्तान की तरह दरियादिल थोड़े हैं, जो सबका साथ सबका विकास की बात करे. उसे (चीन को) मुसलमान फूटी आंख भी बर्दाश्त नहीं है. बस आप तो इंतजार कीजिए. एक बार सी-पैक तैयार हो गए…फिर देखिएगा पाकिस्तान का भी सामान पैक करने में उसे ज़्यादा देर नहीं लगेगी और जो सामान पैक करने में आनाकानी करेगा ना…उसका वही हश्र होगा…जैसा चीन ने शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों का हुआ.

पाकिस्तान पर चीन का भारी कर्ज : चीन ने उइगर मुसलमानों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान मिटा दी. शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों की मस्जिदें तोड़ डाली. उइगर लड़कियों की शादी जबरन हान समुदाय में कराई जाने लगीं और विरोध करने वाले उइगर मुसलमानों को टॉर्चर सेल में कैद कर दिया. वहां पर मुस्लिम को नमाज़ नहीं पढ़ने दी जाती. उनके रोजा रखने पर बैन है. वे कुरान-ए-पाक नहीं पढ़ सकते और दाढ़ी नहीं रख सकते.

अधिकतर पाकिस्तानी इस बात को अच्छी तरह जानते हैं. इसके बावजूद वे ड्रैगन का कभी विरोध नहीं कर सकते क्योंकि वे जानते हैं कि अगर भावनाओं में बहकर उन्होंने चीन का विरोध कर दिया तो वह उनका हुक्का पानी बंद करने में ज्यादा देर नहीं लगाएगा. दुनिया जानती है कि पाकिस्तान लोन पर चल रही कौम है, जिसमें सबसे ज़्यादा लोन चीन का ही है. बता दें कि पाकिस्तान ने पूरी दुनिया से करीब 100 अरब डॉलर का कर्ज ले रखा है. इसमें से 30% कर्ज सिर्फ चीन से लिया हुआ है. इसके बावजूद वहां के मुल्ला-मौलवियों के ख्यालात एकदम अलग किस्म के हैं.

‘चीन में एक दिन बनेगा मुस्लिम पीएम’ : एक पाकिस्तानी मौलवी कहता है, ‘इंशाल्लाह-इंशाल्लाह चाइना में एक दिन मुस्लिम प्रधानमंत्री बनेगा. लोग कहेंगे इसका ताल्लुख कहां से है क्वेटा से, इसका कनेक्शन कहां से है क्वेटा से, ये होगा तो इंशाल्लाह-इंशाल्लाह….जब मुसलमान कहीं भी जाता है तो स्पीड किसी और चीज में बढ़े ना बढ़े, मगर यहां (आबादी) बढ़ना शुरू हो जाती है. तो वो इससे भी परेशान हैं कि यार स्पीड तो इनकी बढ़ रही है. हम तो वैसे ही माइनॉरिटी में हैं. 2050 तक यूरोप के बहुत से देश हैं, जिसमें इस्लाम बहुसंख्यक हो जाएगा.’

मौलवी साहब का प्लान तो मस्त है और थोड़ा वक्त जरूर लग सकता है. लेकिन चीन की अक्ल ठिकाने यही लगा सकते हैं. सोचिए उस दिन के बारे में जब चीन पर पाकिस्तान का झंडा लहरा रहा होगा और हर पाकिस्तानी मुल्ला जी की भाषा में कह रहा होगा चीन हमारे बाप का है.

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