नई दिल्ली : चीन की घटती जन्म दर और बढ़ती आबादी की उम्र एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है. यही कारण है कि चीन में शादी की दर में भारी गिरावट और लिंग असंतुलन बहुत ज्यादा है. ऐसे में, चीन के बहुत से नागरिक दूसरे देशों में दुल्हन की तलाश करते हैं, जिनमें बांग्लादेश भी शामिल है. लेकिन अब ढाका में मौजूद चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों को सख्त निर्देश दिया है. इस बारे में दूतावास ने एक एडवाइजरी कर इससे दूर रहने को कहा है.
चीनी दूतावास ने रविवार को जारी एडवाइजरी में चीनी नागरिकों से गैर-कानूनी क्रॉस बॉर्डर शादी से दूर रहने और ऑनलाइन मैचमेकिंग से बचकर रहने को कहा है. साथ ही, विदेश से संबंधित विवाह कानून का सख्ती से पालन करने और एजेंटों या वीडियो प्लेटफार्मों पर डेटिंग सामग्री से गुमराह होने से बचने का आग्रह किया है.
बांग्लादेश में चीन के दूतावास ने अपने नागरिकों को ऑनलाइन मैचमेकिंग घोटालों के जरिए से ‘विदेशी पत्नी खरीदने’ की ‘भ्रामक धारणा’ से बचने की चेतावनी दी है.
रविवार को दूतावास के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट में चीनी नागरिकों से अवैध एजेंसियों से दूर रहने का आग्रह किया, जो सीमा पार ब्लाइंड डेट और शादियों को बढ़ावा देती हैं, ताकि ‘पैसे और व्यक्ति दोनों को खोने से बचा जा सके.’ इसमें कहा गया है कि दक्षिण एशियाई देश में गैर-कानूनी शादी में शामिल लोगों को मानव तस्करी के आरोप में अरेस्ट किए जाने का खतरा रहता है, ऐसा आरोप जिसके लिए अक्सर लंबी न्यायिक कार्यवाही लड़नी पड़ती है.
चीनी कानून के तहत सरहद पार Matrimonial Agencies गैर-कानूनी हैं, लेकिन विदेशी दुल्हनों को बढ़ावा देने वाले ऑनलाइन इश्तहार ज्यादा दिखाई देने लगे हैं, क्योंकि चीन में शादी दर में गिरावट और लिंग असंतुलन है. पिछले साल चीन में 1980 के बाद से मैरिज रजिस्ट्रेशन की सबसे कम संख्या देखी गई, जिसमें महज 6.1 मिलियन मैरिज सर्टिफिकेट जारी किए गए, जो 2023 की तुलना में 20 फिसदी से ज्यादा की गिरावट है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के मुताबिक, चीन में पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में करीब 30 मिलियन से ज्यादा है, जो दशकों से चली आ रही सख्त परिवार नियोजन नीतियों का नतीजा है. खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में लैंगिक असंतुलन सबसे ज्यादा है. जिसकी वजह से यहां शादी करने में काफा परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जबकि वियतनाम और लाओस जैसे पड़ोसी देश भी चीनी पुरुषों के लिए विदेशी दुल्हनों के स्रोत रहे हैं.
बीजिंग न्यूज ने पिछले साल कई सोशल मीडिया पोस्टों के जरिए से बताया था कि एक लाओसियन महिला से 200,000 युआन (28,000 अमेरिकी डॉलर) में विवाह का प्रस्ताव दिया गया था. जबकि ऐसे विज्ञापन अक्सर घोटाले साबित होते हैं, जो दुल्हन उपलब्ध कराए बिना ही ग्राहकों से पैसे ठग लेते हैं.
वहीं, पिछले साल पूर्वी प्रांत शांदोंग की एक काउंटी अदालत ने दो लोगों को मानव तस्करी के आरोप में मुजरिम करार दिया था, क्योंकि वे अवैध सरहद पार मैरिज एजेंसी चला रहे थे और लोगों से लाखों युआन की ठगी कर रहे थे. सरकारी अख़बार लीगल डेली के मुताबिक, एक मामले में तीन महीने के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने वाले एक चीनी शख्स को 100,000 युआन का नुकसान हुआ. दूसरे मामले में, मैचमेकर्स द्वारा बेची गई एक पाकिस्तानी महिला ने एजेंटों के साथ-साथ उन्हें पैसे देने वाले चीनी शख्स की भी पुलिस में शिकायत की. बाद में उन्हें मानव तस्करी के आरोप में हिरासत में लिया गया.
जबकि पिछले अक्टूबर में ज़ियामेन यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर की आलोचना तब हुई जब उन्होंने सुझाव दिया कि चीन को शादी में गिरावट और लिंग असंतुलन को कम करने के लिए विदेशों में शादी करनी चाहिए यानी दुल्हनों को विदेशों आयात करना चाहिए. इसे लेकर प्रोफेसर की जमकर आलोचकों ने आलोचना की और कहा कि इससे मानव तस्करी और शोषण को बढ़ावा मिलेगा.