चीन : भारतीय छात्रों को दी छूट, वीजा प्रक्रिया में किया बदलाव; PAK को लगी मिर्ची तो ड्रैगन को ही सुना दिया!

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नई दिल्ली : एक तरफ चीन अमेरिका से ट्रेड वॉर की जंग लड़ रहा है, दूसरी तरफ भारत के लिए अपने दरवाजे पूरी तरह खोल रखा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि चीन ने अमेरिका के साथ चल रही टैरिफ वॉर के बीच करीब 85 हजार से ज्यादा इंडियंस के लिए वीजा जारी किए हैं. ये वीजा जनवरी से अब तक सिर्फ तीन महीने में जारी किए गए. इस बात की मिर्ची सबसे अधिक पाकिस्तान को लगी है.

पाकिस्तानी एक्सपर्ट को लगी मिर्ची! : मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा कि अब शी जिनपिंग का दिमाग 2020 वाला नहीं है, अब उनको पता है कि भारत का मार्केट बहुत बड़ा है और टैरिफ बढ़ने से इकोनॉमी पर असर पड़ेगा इसलिए वह डरे हुए हैं और उनका भारत की तरफ रुख बदला है. कमर चीमा का कहना है कि जिनपिंग जानते थे कि ट्रंप सत्ता में आते ही चीन को लेकर सख्त कदम उठाएंगे इसलिए उन्होंने भारत के साथ रिश्ते सुधारने की शुरुआत ब्रिक्स में ही कर दी थी.

85,000 से ज्यादा भारतीयों को वीजा : लाइव मिंट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी दूतावास और भारत में इसके वाणिज्य दूतावासों ने 9 अप्रैल, 2025 तक 85,000 से ज्यादा भारतीयों को वीजा जारी किया है. यह कदम भारतीयों के लिए यात्रा को आसान बनाने की चीन की कोशिशों का हिस्सा है.

चीन ने भारतीयों को कहा दोस्त : भारत में चीनी राजदूत जू फीहोंग ने भारतीयों को ‘दोस्त’ कहते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों से चीन आने की अपील की. उन्होंने रविवार को एक्स पर लिखा, “9 अप्रैल, 2025 तक चीनी दूतावास और भारत में वाणिज्य दूतावासों ने इस साल चीन यात्रा करने वाले भारतीयों को 85,000 से ज्यादा वीजा जारी किए हैं. हम और भारतीय दोस्तों का स्वागत करते हैं कि वे चीन आएं और खुले, सुरक्षित, जीवंत, ईमानदार और दोस्ताना चीन का अनुभव करें.”

इससे पहले मार्च में फीहोंग ने बताया था कि चीन ने 50,000 से ज्यादा भारतीयों को वीजा दिए थे. उन्होंने तब कहा था, “वसंत में फूल खिल रहे हैं, हम चाहते हैं कि ज्यादा भारतीय दोस्त चीन आएं और वसंत के मौसम में इसका पहला अनुभव लें.”

भारतीयों के लिए चीन के नए वीजा नियम : पिछले कुछ महीनों में चीन ने भारतीयों के लिए वीजा प्रक्रिया को काफी आसान किया है. नए नियमों में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की जरूरत खत्म करना, वीजा फीस कम करना और प्रक्रिया को तेज करना शामिल है. ये कदम भारत-चीन के बीच यात्रा को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए हैं.

भारत-चीन यात्रा समझौता : इस साल जनवरी में भारत और चीन ने करीब पांच साल बाद सीधी हवाई सेवाएं फिर शुरू करने और व्यापार व आर्थिक मुद्दों पर मतभेद सुलझाने पर सहमति जताई थी. यह फैसला भारत के शीर्ष राजनयिक विक्रम मिस्री और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की मुलाकात के बाद हुआ. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश जल्द ही उड़ानों को फिर शुरू करने के लिए ढांचा तैयार करेंगे. 2020 में सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे, लेकिन पिछले साल अक्टूबर में सीमा पर सैन्य गतिरोध कम करने के समझौते और उसी महीने रूस में राष्ट्रपति शी जिनपिंग व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बाद रिश्तों में सुधार आया है.

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