नई दिल्ली : मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के बाद पूर्व कांग्रेसी सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने गुरुवार को कहा कि अजमल कसाब की तरह उसे भी अपना बचाव करने का पूरा अधिकार दिया जाए. पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, हमारी मांग है कि जिस तरह से अजमल कसाब के खिलाफ मुकदमा चलाया गया, उसे अपना बचाव करने का पूरा अधिकार दिया गया, पूरी प्रक्रिया का पालन करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई.
चलाया जाए मुकदमा : हमारी मांग है कि तहव्वुर राणा के खिलाफ इसी तरह का मुकदमा चलाया जाए, क्योंकि पूरी दुनिया की नजर इस ट्रायल पर होगी. हमारे यहां एक न्याय व्यवस्था है, जिसे दुनिया को दिखाना आवश्यक है. उन्होंने कहा, “यह एक कानूनी कार्रवाई है. साल 2008 के हमले के बाद मुंबई पुलिस ने पूरी घटना की जांच की थी. पुलिस ने दोनों मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली के नाम ढूंढ़े, दोनों पाकिस्तान के नागरिक थे और बाद में कनाडा में जाकर वहां के नागरिक बन गए.
अमेरिका ने किया गिरफ्तार : उनका जो रोल था, उसे मुंबई पुलिस ने ढूंढ़ निकाला. दोनों के नाम और उनसे जुड़ी जानकारी अमेरिकी सरकार को दी. अमेरिकी एजेंसियों ने अक्टूबर 2009 में दोनों को शिकागो में गिरफ्तार किया. उसी समय से यह मुकदमा अमेरिका में चल रहा है. तहव्वुर राणा को 14 साल की सजा हुई, उसके बाद वह बाहर निकला और फिर जेल भेजा गया. वह अपना बचाव कर रहा है, उसके वकील लगे हुए हैं. वहीं, इसी दौरान डेविड हेडली ने अपना गुनाह कबूल कर लिया, जबकि राणा ने नहीं किया है.
एक में मिली सफलता : उन्होंने बताया, “भारत सरकार ने दोनों के प्रत्यर्पण की गुजारिश की थी. उसमें से एक में सफलता मिली है. तहव्वुर राणा को भारत लाया गया. लेकिन डेविड हेडली को नहीं लाया गया, जो आतंकी हमले का मुख्य मास्टरमाइंड था. उसे भारत लाने में हमें अभी सफलता नहीं मिली है. हेडली अमेरिकी सरकार के लिए काम कर रहा है, वह ड्रग तस्करी में अमेरिकी सरकार की मदद कर रहा है.