नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद शशि थरूर के सुर बदल गए हैं. बीते कई महीनों से शशि थरूर पार्टी लाइन से हटकर बयान दे रहे हैं, ये आलम एक बार फिर देखा गया. उन्होंने गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने संबंधी विधेयक के साथ- साथ लोकसभा में सरकार की तरफ से पेश किए गए तीनों बिल का समर्थन किया. थरूर ने कहा कि अगर पहली नजर में, यह उचित लगता है, आप 30 दिन जेल में बिताएं, तो क्या आप मंत्री बन सकते हैं? यह सामान्य ज्ञान की बात है, इसमें मुझे कुछ भी गलत नहीं लगता है.
आगे बोलते हुए कहा कि जहां तक मेरा सवाल है, मैं उन विधेयकों को इतनी अच्छी तरह नहीं जानता कि आपको कोई टिप्पणी दे सकूं. पहली नजर में, यह उचित लगता है कि जो कोई भी गलत करता है उसे दंड मिलना चाहिए और उसे किसी उच्च संवैधानिक पद या राजनीतिक पद पर नहीं होना चाहिए. इसके अलावा कहा कि अगर इस बिल को अध्ययन के लिए समिति के पास भेजा जाता है तो यह अच्छी बात होगी और समिति के भीतर चर्चा होना हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा है.
विपक्षी पार्टियों का हल्ला बोल : जहां पर एक तरफ कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस बिल का समर्थन किया, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी पार्टियां इसके खिलाफ मैदान में उतर आई हैं. इसे लेकर आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा, “सरकार के पुराने बिलों में जनता का हित कम और अपने विरोधियों को नुकसान पहुंचाने की मंशा ज्यादा दिखाई देती है. मैं स्पीकर साहब से मांग करूंगा कि हमें JPC का हिस्सा बनाया जाए. वहीं कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा, “विपक्ष को आशंका है कि इसमें विपक्ष के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को ही परेशान किया जाएगा और उन्हें पद से हटाने की कोशिश होगी. जबकि कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि कल को आप किसी भी मुख्यमंत्री पर कोई भी मामला लगा सकते हैं, उसे बिना दोषसिद्धि के 30 दिनों के लिए गिरफ्तार कर सकते हैं और वह मुख्यमंत्री नहीं रहेगा. यह पूरी तरह से संविधान-विरोधी, अलोकतांत्रिक और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
सरकार ने पेश किए तीन बिल : लोकसभा में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किए. पेश किए जाने वाले 130 वें संविधान संशोधन विधेयक 2025 में प्रस्तावित है कि पीएम से लेकर सीएम और मंत्री तक, कोई भी गिरफ्तार होता है तो और लगातार 30 दिन से ज्यादा न्यायिक हिरासत में रहता है तो उसे 31वें दिन इस्तीफा देना होगा या फिर उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा.