नई दिल्ली : दिल्ली के अमन विहार के हरी एन्क्लेव इलाके में रविवार सुबह दो मंजिला इमारत भरभराकर गिर गई। हादसे में एक युवक घायल हो गया, वहीं इमारत का कुछ हिस्सा दूसरे मकान पर गिरने से पांच लोग बाल बाल बच गए। जांच में पता चला कि जर्जर मकान को मालिक कुछ दिन से मरम्मत करवा रहा था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बात दें कि बीते 24 घंटे में यह दूसरी बड़ी घटना है।
शनिवार को ही उत्तर-पश्चिम दिल्ली के मॉडल टाउन के महेंद्रू एंक्लेव इलाके में दोपहर दो मंजिला बैंक्वेट हॉल अचानक ढह गया था। हादसा के समय मजदूर काफी अरसे से बंद पड़े बैंक्वेट हॉल में मरम्मत का काम कर रहे थे। मौके पर पहुंची पुलिस और दमकल कर्मियों ने आस पास के लोगों की मदद से तीन लोगों को बाहर निकाल कर पास के अस्पतालों में भर्ती कराया। जहां एक की मौत हो गई थी।
सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ हादसा : बैंक्वेट हॉल के पिछले हिस्से में मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में हादसा कैद हो गया। इसमें देखा जा रहा है कि अचानक ऊपर की मंजिल भरभराकर गली में गिर गई। गली में काफी संख्या में कार और दो पहिए वाहन खड़े थे। अधिकारियों का कहना है कि मलबे में दबकर करीब दर्जन भर वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
गिर रहीं इमारतों के लिए मेयर जिम्मेदार : नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष व पूर्व महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने जर्जर इमारतों के कारण हो रहीं घटनाओं को लेकर मेयर को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि आप के आने से न केवल निगरानी तंत्र ढीला हो गया है, बल्कि भ्रष्टाचार बढ़ने से लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इससे दिल्ली में आए दिन इमारतों के गिरने और लोगों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं।
मेयर डॉ. शैली ओबेराय ने जर्जर इमारतों को लेकर कोई निगरानी नहीं की और न ही सर्वे को समय पर पूरा करने पर जोर दिया। इससे घटनाएं हो रही है, जबकि मानसून से पहले जर्जर इमारतों का सर्वे पूरा हो जाना चाहिए था। इमारतों के गिरने में जिन लोगों ने जान गंवाई है, उनके परिवार को एक-एक करोड़ की सहायता राशि देनी चाहिए। साथ ही, घायलों को 50-50 लाख रुपये मिलने चाहिए।