धनबाद : अवैध डीप बोरिंग के “मगरमच्छ” नियमों को दिखा रहे हैं “ठेंगा”, विभाग से मिलता है शह!-भाग 01 

Dhanbad-me-Deep-Boring-Ilegal

रांची/धनबाद : झारखंड प्रदेश के कोयलांचल धनबाद में अवैध डीप बोरिंग का गंदा खेल सुनियोजित तरीके से अफसरों और दलाल रुपी “मगरमच्छों” के सांठगांठ से फलफूल रहा है। इन लोगों के लिए झारखंड बोरवेल ड्रिलिंग दिशा-निर्देश हथियार बन चूका है। जिसका इस्तेमाल आर्थिक दोहन के लिए धड़ल्ले से किया जा रहा है। जिससे झारखंड में उपरोक्त क़ानून की अहमियत और सार्थकता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।

बोरवेल ड्रिलिंग दिशा-निर्देश की हो रही है अवहेलना : धनबाद में झारखंड बोरवेल ड्रिलिंग दिशा-निर्देश लागू रहने के बावजूद विभिन्न इलाकों में कुकुरमुत्ते की तरह निर्माण हो रहे गगनचुंबी इमारतों, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और अपार्टमेंट्स में लगातार अवैध डीप बोरिंग किया जा रहा है।  दिखवे के तौर पर सम्बंधित विभाग डीप बोरिंग में प्रयुक्त होने वाले वाहनों को जब्त कर जुर्माना वसूली करती है। ताकि खानापूर्ति हो सके। इसमें आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि बोरिंग वाहनों की जब्ती डीप बोरिंग पूरी हो जाने के बाद की जाती है।  जिससे बोरिंग भी हो जाए और कानून का पालन भी दिखावे के लिए पूरी हो सके। यह कथित और अवैध सुविधा सिर्फ बड़े-बड़े गगनचुंबी ईमारत खड़ी करने वाले बिल्डर और धनाढ़्य लोगों को प्रदान किया जाता है।

सरायढेला क्षेत्र से जब्त हुआ था बोरिंग वाहन : ऐसा ही एक मामला दो-तीन पूर्व सरहुल पर्व की राजकीय छुट्टी के दौरान सामने आया। जब शहर के सरायढेला थाना क्षेत्र अंतर्गत न्यू मुरली नगर से बोरिंग करने वाले वाहन को जब्त कर निगम कार्यालय ले जाया गया। उक्त जब्त वाहन से जुर्माना वसूली की गयी। वाहन को फिर क्लीन चिट देकर जाने दिया गया।

वाहन ने बोरिंग की थी या नहीं। .. इसकी जानकारी विभाग को नहीं : इस मामले में किसी भी सरकारी अधिकारी ने यह जानने की जहमत नहीं उठायी कि उक्त बोरिंग वाहन कहाँ और किस स्थान पर गयी थी? बोरिंग वाहन ने उपरोक्त स्थल पर डीप बोरिंग किया या नहीं ? इस जब्ती में हास्यपद बात यह थी कि विभाग ने वाहन जब्ती के बारे में बताया कि सरायढेला क्षेत्र से वाहन को खड़ी स्थिति में जब्त किया गया था। क्या बोरिंग वाहन को कड़ी स्थिति में जब्त कर जुर्माना लगाया जा सकता है ? यह एक विचारणीय सवाल है।

*धनबाद : अवैध डीप बोरिंग के "मगरमच्छ" नियमों को दिखा रहे हैं "ठेंगा", विभाग से मिलता है शह!-भाग 01*👉👉 thexpoznews.com/dhanbad-me-d…धनबाद में अवैध डीप बोरिंग का गंदा खेल सुनियोजित तरीके से अफसरों और दलाल रुपी "मगरमच्छों" के सांठगांठ से फलफूल रहा है। इन लोगों के लिए झारखंड बोरवेल ड्रिलिंग दिशा-निर्देश हथियार बन चूका है। जिसका इस्तेमाल आर्थिक दोहन के लिए धड़ल्ले से किया जा रहा है।

TheXpoz News (@thexpoznews.bsky.social) 2025-04-04T07:37:02.826Z

यह है मामला : शहर के सरायढेला थाना क्षेत्र अंतर्गत न्यू मुरली नगर स्थित एक अपार्टमेंट में डीप बोरिंग का काम 01-02 अप्रैल को शुरू हुआ। वहां डीप बोरिंग होता देख स्थानीय लोगों ने हंगामा किया। तब तक 300-400 फ़ीट गहरा बोरिंग हो चूका था। बिल्डर ने स्थानीय लोगों को अपने स्तर पर समझाने-बुझाने का प्रयास किया। इस दौरान बोरिंग का कार्य जारी रहा। परन्तु मामला बढ़ता गया और बात फैलती गयी। इस दौरान स्थानीय लोगों ने उक्त अवैध कार्य के वीडियो-फोटो भी बनाये। 

मामला बढ़ने पर नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और अपार्टमेंट की बाउंड्री से बहार खड़ी बोरिंग वाहन को जब्त कर निगम कार्यालय ले गए।  जहाँ कुछ घंटे बाद 25 हजार की जुरमाना वसूली के बाद जब्त बोरिंग वहां को छोड़ गया।  इस तरह मामले का पटाक्षेप हो गया। बिल्डर खुश. ..विभाग भी खुश और मोहल्ले वाले भी खुश।    

यह है झारखंड बोरवेल ड्रिलिंग दिशा निर्देश : झारखंड में बोरवेल ड्रिलिंग के नियम और विनियम स्थानीय अधिकारियों और विशिष्ट परिस्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। सबसे अद्यतित और सटीक जानकारी के लिए झारखंड जल संसाधन विभाग या संबंधित स्थानीय अधिकारियों से परामर्श करना उचित है। हालाँकि, यहाँ कुछ सामान्य दिशा-निर्देश दिए गए हैं जो लागू हो सकते हैं।

आवश्यक अनुमति प्राप्त करें : बोरवेल खोदने से पहले झारखंड जल संसाधन विभाग या अन्य संबंधित अधिकारियों से आवश्यक अनुमति और मंजूरी प्राप्त करें। वे आवेदन प्रक्रिया और किसी भी विशिष्ट आवश्यकताओं पर मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

साइट का चयन : ड्रिलिंग साइट का चयन सावधानी से करें, भूवैज्ञानिक स्थितियों, प्रदूषण स्रोतों की निकटता और भूजल की उपलब्धता जैसे कारकों पर विचार करें। सुनिश्चित करें कि चयनित साइट बोरवेल निर्माण के लिए उपयुक्त है।

लाइसेंस प्राप्त ड्रिलर को काम पर रखें : लाइसेंस प्राप्त और अनुभवी बोरवेल ड्रिलर को काम पर रखें जो नियमों का पालन करते हों और आवश्यक विशेषज्ञता रखते हों। वे सुनिश्चित करेंगे कि ड्रिलिंग प्रक्रिया मानक प्रथाओं और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करती हो।

गहराई और आवरण की आवश्यकताएँ : बोरवेल की गहराई और आवरण की आवश्यकताएँ स्थान और पानी की उपलब्धता के आधार पर भिन्न हो सकती हैं। अपने क्षेत्र के लिए स्वीकार्य गहराई और आवरण विनिर्देशों को निर्धारित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों से परामर्श करें।

पंजीकरण और दस्तावेज़ीकरण : बोरवेल को झारखंड जल संसाधन विभाग या संबंधित प्राधिकरण के साथ पंजीकृत करें। ड्रिलिंग विवरण, विनिर्देशों और पूर्णता रिपोर्ट सहित आवश्यक दस्तावेज़ प्रदान करें।जल निकासी नियम: बोरवेल से पानी निकालने के संबंध में नियमों का पालन करें। निकाले जा सकने वाले पानी की मात्रा पर प्रतिबंध हो सकते हैं, खासकर पानी की कमी या सूखे के समय में। पानी के उपयोग से संबंधित किसी भी लागू नियम या दिशा-निर्देश के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

पर्यावरण मानदंडों का अनुपालन : सुनिश्चित करें कि बोरवेल की ड्रिलिंग और संचालन पर्यावरण मानदंडों और विनियमों का अनुपालन करता है। भूजल प्रदूषण को रोकने और आसपास के पर्यावरण की रक्षा के लिए आवश्यक सावधानी बरतें।रखरखाव और निरीक्षण: बोरवेल के उचित कामकाज को सुनिश्चित करने और किसी भी संभावित समस्या को दूर करने के लिए नियमित रूप से उसका रखरखाव और निरीक्षण करें। बोरवेल के जीवनकाल को बढ़ाने के लिए अनुशंसित रखरखाव प्रथाओं का पालन करें।

कृपया ध्यान दें कि ये सामान्य दिशा निर्देश हैं और झारखंड के आपके क्षेत्र में बोरवेल ड्रिलिंग पर लागू होने वाले विशिष्ट नियमों और विनियमों के लिए स्थानीय अधिकारियों से परामर्श करना आवश्यक है।

व्यक्तिगत रूप से आवेदन करें :

  1. अपने क्षेत्र के नगर निगम/ग्राम पंचायत कार्यालय में जाएँ। आप निम्नलिखित वेबसाइटों पर पता और संपर्क विवरण पा सकते हैं:
    ● केंद्रीय भूजल बोर्ड  संपर्क लिंक
    ● झारखंड जल संसाधन विभाग  लिंक
    ● नगर निगम मुख्यालय का पता  लिंक
    ● ग्राम पंचायत का पता  लिंक
  2. कार्यालय में संबंधित विभाग से ट्यूबवेल या बोरवेल के पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र प्राप्त करें।
  3. सभी आवश्यक जानकारी और विवरण के साथ आवेदन पत्र भरें। सुनिश्चित करें कि फॉर्म आपके हस्ताक्षर से सत्यापित है।
  4. पृष्ठ के “आवश्यक दस्तावेज़” अनुभाग में सूचीबद्ध सभी आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
  5. पूरा आवेदन पत्र और संलग्न दस्तावेज़ कार्यालय में संबंधित प्राधिकारी को जमा करें। अधिकारियों द्वारा निर्देशित आवेदन प्रक्रिया के लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान करें। भुगतान किए गए शुल्क की पावती पर्ची प्राप्त करें और इसे भविष्य के संदर्भ के लिए सुरक्षित रखें।
  6. किसी भी विसंगति की जाँच के लिए आवेदन और संलग्न दस्तावेज़ों का सत्यापन किया जाएगा।
  7. सभी आवश्यक प्रक्रियाएँ पूरी करने के बाद, संबंधित अधिकारी आवेदन की समीक्षा करेंगे और उसे स्वीकृत करेंगे। पंजीकरण प्रक्रिया में 30 दिन तक का समय लग सकता है।
  8. पंजीकरण दस्तावेज़ तैयार होने के बाद, कार्यालय आपको व्यक्तिगत रूप से या किसी भी लागू माध्यम से इसे लेने के लिए दिए गए पते पर संपर्क करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *