केरल : बेबस खड़ा रहा आसमान का बादशाह F-35, अब टुकड़ों में होगी घर वापसी

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तिरुवनंतपुरम : आज के 20 दिन पहले तिरुवनंतपुरम में ब्रिटिश नेवी के फाइटर जेट F-35 की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी. इसे दुनिया का मॉर्डन फाइटर जेट कहा जाता है. इसकी खास बातों का जिक्र करें तो ये रडार को चकमा दे सकता है. हवा, जमीन और समुंदर में टारगेट पर हमले में इसे महारत हासिल है. इतनी खूबियों पर कुछ खामियां भारी पड़ी गई हैं और कई कोशिशों के बाद भी इसे ठीक करने में कामयाबी नहीं मिली है.

इस तरह आसमान का बादशाह केरल में बीमार खड़ा है. अब चर्चा है कि इसे टुकड़ों में वापस ले जाया जाएगा. अब सवाल उठता है जो बड़ा सामान्य सा है… माना आप नोएडा से अपनी कार से लखनऊ जा रहे हैं और आगरा के आसपास एक्सप्रेसवे पर खराबी आ जाए तो कार सही कराने के लिए नोएडा से ‘मिस्त्री’ बुलाएंगे या एक्सप्रेसवे पर ही किसी की मदद से सही कराएंगे?

अगर आप नोएडा से मिस्त्री बुलाते हैं तो इसका मतलब आपकी कार में कुछ संवेदनशील है, क्योंकि प्राथमिकता तो कार को सही कराना और लखनऊ जाना है. भारत में तो राह चलते ऐसे-ऐसे होनहार मिल जाते हैं जो हर काम में माहिर होते हैं. खैर, आपकी कार सही नहीं हुई और अब कहते हैं कि मैं कार खड़ी करके नोएडा जाऊंगा और वहां से मैकेनिक लाऊंगा. फिर भी कार सही नहीं हुई तो कार को काट-काटकर मलतब टुकड़ों में ले जाऊंगा तो लोग हंसेंगे कम हैरान ज्यादा होंगे. ठीक ऐसी ही कहानी है तिरुवनंतपुरम में खड़े ब्रिटिश नेवी के फाइटर जेट F-35 की.

भारत को क्यों नहीं करने दी मरम्मत : इस सवाल का सीधा जवाब है तकनीक की गोपनीयता. अमेरिका में बने F-35 में ऐसी टेक्नोलॉजी है जो अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए बेहद संवेदनशील है. ऐसे में अमेरिका को लगता है कि अगर भारत को इसे सही करने के लिए दिया जाता है तो तकनीकी डेटा लीक हो सकता है.

इतना ही नहीं भारत जितनी अभी F-35 की कीमत है उससे कम में भारत इसे बना सकता है.अमेरिका यही चाहता है कि मेंटेनेंस, अपग्रेड और बड़े सुधार केवल अमेरिका या उसके द्वारा ऑथराइज्ड जगह पर ही हो. ब्रिटेन भी इस पॉलिसी को फॉलो करता है.

एफ 35 लड़ाकू विमान : F-35 दुनिया के सबसे एडवांस स्टील्थ फाइटर जेट में से एक है. इसमें खुफिया स्टील्थ टेक्नोलॉजी, सेंसर फ्यूजन, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और स्पेशल कंपोजिट मटीरियल्स का इस्तेमाल होता है. अमेरिका और ब्रिटेन को डर है कि अगर सही करने के लिए भारत इस विमान को खोलेगा तो इन संवेदनशील तकनीक का एक्सेस उसको मिल सकता है.

कोड सिक्योरिटी लीक होने का डर : F-35 सॉफ्टवेयर कोड और एन्क्रिप्टेड सिस्टम पर बेस्ड है. ऐसे में अमेरिका और ब्रिटेन को लगता है कि इसे ठीक करते समय भारत को इसके सॉफ्टवेयर तक पहुंच मिलती है तो उसकी कोड सिक्योरिटी खतरे में पड़ सकती है. इसके बाद बात आती है इंटरनेशनल प्रोटोकॉल और सप्लाई चेन कंट्रोल की.

सप्लाई चेन और कंट्रोल लॉजिक : F-35 को लेकर ये बात पहले से तय है कि किसी भी देश में अगर विमान में गड़बड़ी हो तो उसे केवल ऑथराइज्ड मेंटेनेंस फैसिलिटीज या विशेष अमेरिकी/ब्रिटिश टेक्निकल टीम ही सुधार सकती हैं. इसे सप्लाई चेन और कंट्रोल लॉजिक कहा जाता है. अब आप समझ सकते हैं कि कार को लेकर संवेदनशीलता का जिक्र हम ऊपर कर चुके हैं, ये भी कुछ वैसा ही है. यही वजह है कि ब्रेटिन और अमेरिका नहीं चाहते हैं कि F-35 को भारत की मदद से सही किया जाए.

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