मप्र : डॉ एन जॉन केम निकला नरेंद्र यादव, फर्जी हार्ट सर्जरी कर ली 7 लोगों की जान

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भोपाल : मध्य प्रदेश के दमोह में ईसाई मिशनरी के मिशन अस्पताल में हार्ट सर्जरी के दौरान सात मौतों के आरोपी के खिलाफ पहला मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में रात के अंधेरे में देर रात जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम के जैन ने कोतवाली थाना पहुंच कर सर्जरी करने वाले फर्जी डॉक्टर डॉ एन जॉन केम के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। कोतवाली थाना में दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एन जान केम मिशन अस्पताल में बीते महीने में हुई मौतों के लिए जिम्मेदार हैं।

आरोप है कि कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एन जान केम फर्जी डॉक्टर हैं। कलेक्टर द्वारा गठित की गई जांच कमेटी में जो तथ्य पाए गए हैं, उसके मुताबिक रिकार्ड में डॉ केम के दस्तावेज सही नहीं हैं। नियमानुसार मध्य प्रदेश में प्रैक्टिस करने के लिए डॉ को मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना था, लेकिन एमपी में डॉ केम रजिस्टर्ड नहीं हैं, उनके जो दस्तावेज मिले हैं उसमें उन्होंने आंध्र प्रदेश का रजिस्ट्रेशन लगाया है।

आंध्र प्रदेश में भी रजिस्ट्रेशन नहीं : आंध्र प्रदेश के मेडिकल बोर्ड में भी उनके रजिस्ट्रेशन से जुड़े कोई दस्तावेज नहीं पाए गए हैं। मतलब साफ है कि डॉ केम यहां फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे थे और इसी दौरान उन्होंने हार्ट ऑपरेशन किये। इस मामले में इलाके के सीएसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम के जैन ने कोतवाली में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने जांच का हवाला दिया है और बताया कि खुद को फेमस कार्डियोलॉजिस्ट बताने वाला डॉ केम फर्जी डॉक्टर है।

कोतवाली पुलिस ने बीएनएस की धाराओं के तहत धोखाधड़ी दस्तावेजो की कूटरचना सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है। इस मामले में फिलहाल एक नामजद व्यक्ति डॉ एन जान केम आरोपी है, जबकि अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज है, जिनके नामो के खुलासे पुलिस जांच में होंगे। फिलहाल आरोपी डॉक्टर केम की तलाश की न रही है।

डॉ एन जान केम का असली नाम नरेंद्र यादव : दमोह के मिशन अस्पताल में इस डॉक्टर केम ने जो हार्ट सर्जरी की उनमें सात लोगों की मौत हो जाने के आरोप स्थानीय अधिवक्ता दीपक तिवारी ने शिकायत में लगाये थे, जिसके बाद कलेक्टर ने महीने भर पहले जांच कमेटी बनाई थी और इस जांच में सीएमएचओ का किरदार अहम था और देर रात जो मामला दर्ज हुआ वो इसी जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर हुआ है। आरोपी डॉक्टर डॉ एन जान केम ब्रिटेन के मशहूर लार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर डॉ एन जान केम के नाम का इस्तेमाल करता था, जबकि असल मे इस शख्स का नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है। इस शख्स के ऊपर हैदराबाद में आपराधिक मामले दर्ज हैं,

योगी को फ्रांस भेजने की सलाह दी थी : साल 2023 में ये व्यक्ति फ्रांस में हुए दंगो को लेकर एक ट्वीट से सुर्खियों में भी आया था, जब फ्रांस में दंगे रोकने के लिए उसने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजने की सलाह दी थी। आरोपी ने ट्विटर हैंडल पर यूपी सीएम के साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार की फोटो भी साझा की थी। आम लोगों के अलावा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ऑफिस ने भी इसे ब्रिटेन के फेमस कार्डियोलॉजिस्ट डॉ केम का ट्वीट समझा था, लेकिन अब खुलासा हुआ तो ये फर्जी डॉ केम नरेंद्र यादव निकला।

नरेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज : फर्जी डॉक्टर के खिलाफ अभी सिर्फ धोखाधड़ी और फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार कर नौकरी करने का मामला दर्ज हुआ है, जबकि इसके द्वारा किये गए हार्ट ऑपरेशन और फिर मौतों के आरोपों को इसमें शामिल नहीं किया गया है, जिसके लिए पुलिस को डीएम द्वारा कराई जा रही जांच का इंतजार है। इस मामले में देर रात अंधेरे में रिपोर्ट दर्ज कराने गए सीएमएचओ की भूमिका भी संदेह के घेरे में है, चूंकि आज से तीन दिन यानी 7, 8 और 9 तारीख को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम इस मामले की जांच करेगी और टीम के आने से पहले रात में मुकदमा दर्ज कराने की बात विचार करने योग्य है। संदेह तब और भी बढ़ जाता है जब एफआईआर दर्ज कराने के बाद मीडिया ने सीएमएचओ डॉ एम के जैन से पूछना चाहा तो डॉ जैन डर कर पुलिस थाने से भाग गए।  मीडिया कर्मी उनसे उनकी बात जानने के लिए भागते रहे लेकिन सीएमएचओ बचते बचाते निकल गए।

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