नई दिल्ली : गाजा पट्टी में युद्ध-विरोधी विरोध प्रदर्शन के दौरान फिलिस्तीनियों ने हमास के खिलाफ नारे लगाए। यह चरमपंथी समूह के खिलाफ सार्वजनिक आक्रोश का दुर्लभ मामला था। दावा किया जा रहा है कि संगठन ने लंबे समय से लोगों की असहमति को दबा रखा है।
हमास इजराइल के साथ 17 महीने से जारी जंग के बाद भी इस क्षेत्र पर शासन कर रहा है। इससे जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वीडियो में सैकड़ों लोगों को मंगलवार को उत्तरी शहर बेत लाहिया में भारी तबाही वाले युद्ध-विरोधी विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। लोग ‘युद्ध बंद करो’, ‘जंग खत्म करो’, ‘हमें जान नहीं देनी है’ और ‘हमारे बच्चों का खून सस्ता नहीं है’ जैसे नारे लगा रहे थे।
कुछ लोगों को यह कहते हुए सुना जा सकता था- ‘हमास बाहर निकलो!’। अन्य वीडियो में हमास समर्थकों को भीड़ को तितर-बितर करते हुए दिखाया गया।
इस महीने की शुरुआत में इस्राइल ने गाजा के लगभग 2 मिलियन फलस्तीनियों को भोजन, ईंधन, दवा और मानवीय सहायता की आपूर्ति रोक दी थी। इस्राइल ने युद्ध को खत्म न करने की कसम खाई है, जब तक कि हमास उसके 59 बंधकों को वापस नहीं कर देता। हालांकि, इनमें महज 24 ही जिंदा बताए जा रहे हैं।
इस्राइल की यह भी मांग है कि हमास अपना शासन खत्म करे, हथियार डाले और अपने नेताओं को निर्वासित करे। हालांकि, हमास ने कहा कि वह केवल फिलिस्तीनी कैदियों, एक स्थायी युद्ध विराम और गाजा से इजरायल की वापसी के बदले में शेष बंदियों को रिहा करेगा।
जंग की शुरुआत हमास की ओर से 7 अक्टूबर, 2023 को इस्राइल पर किए गए हमले से हुई थी। इसमें लगभग 1,200 लोगों की जान गई थी। इस दौरान 251 लोगों का अपहरण कर लिया गया था। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इस्राइल के जवाबी हमले में अब तक 50,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।