यूपी : गाजीपुर जेल में था टेलीफोन बूथ, 20 रुपए मिनट में होती थी बातचीत; जेलर और डिप्टी जेलर सस्पेंड

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गाजीपुर : उत्तर प्रदेश की गाजीपुर जेल के जेलर और डिप्टी जेलर को सस्पेंड कर दिया गया है. जिला कारागार में अवैध फोन बूथ चलाने के मामले में यह एक्शन लिया गया है. डीआईजी जेल राजेश कुमार श्रीवास्तव ने यह एक्शन जेल सुपरिटेंडेंट के खिलाफ लेने के निर्देश दिए हैं. इस पूरे मामले का खुलासा गाजीपुर जेल से फोन के जरिए मिली धमकी के बाद हुआ है.

दरअसल, गाजीपुर निवासी विनोद कुमार गुप्ता ने अवैध फोन बूथ से पीड़ितों को फोन कर केस वापस लेने की धमकी दी थी, जिसके बाद जेल में अवैध फोन बूथ की पोल खुली है. इस घटना का खुलासा होने के बाद अब 10 कैदियों को देर शाम को ही वाराणसी, जौनपुर और आजमगढ़ ट्रांसफर कर दिया गया है. विनोद कुमार गुप्ता पर बिहार में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से अधिक युवाओं को ठगने का आरोप है. आरोप है कि उसने जेल से कई पीड़ितों को फोन किया था.

हुआ ये खुलासा : एक मीडिया रिपोर्ट की माने तो जेल में फोन के लिए हर कैदियों से एक मिनट का 20 रुपया लिया जाता था. इस मामले का खुलासा होने के बाद गाजीपुर के पम्मी को जेल में सिम पहुंचाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है. डीजी जेल पीवी रामशास्त्री ने इस मामले की जांच डीआईजी जेल को सौंप दी है. जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी विनोद जेलर और डिप्टी जेलर के साथ मिलकर आरोपियों को फोन करता था.

इस बीच जेल में बंद कुछ कैदियों ने मुख्यमंत्री, राज्य मानवाधिकार, जेल मंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी, कारागार निदेशक और तमाम उच्च अधिकारियों से जेलर और कुछ कैदियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे. पत्र के अनुसार, जेल में हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा पवन सिंह जेल में बंदियों से वसूली करता था. चिट्ठी में पेमेंट के लिए इस्तेमाल हो रहे ऑनलाइन नंबर का जिक्र किया गया था.

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