चरखी दादरी : हरियाणा में एक ऐसा डॉक्टर अपना धंधा चला रहा था, जिसके पास न डिग्री थी न लाइसेंस था। फिर भी उसकी दुकान में मरीजों की खूब भीड़ लगी रहती थी। इस झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक में दवाएं भी तैयार होती थी। यह दवाएं केवल पुरुषों के लिए होती थी। इन दवाओं से मर्दाना शक्ति बढ़ाने का उपचार किया जाता था।
यह झोलाछाप डॉक्टर चरखी दादरी में अपना क्लीनिक चला रहा था। स्वास्थ्य विभाग व ड्रग्स कंट्रोलर विभाग की टीम डॉक्टर का भंडाफोड़ किया है। चरखी दादरी के लोहारू रोड पर बिना लाइसेंस और डिग्री चल रहे लुकमान कुरैशी हकीम क्लीनिक पर स्वास्थ्य विभाग व ड्रग्स कंट्रोलर विभाग की टीम ने पुलिस टीम के साथ छापा मारा। मौके से चार लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप कुमार, ड्रग्स कंट्रोलर डॉ. तरुण कुमार ने मंगलवार को पुलिस टीम के साथ क्लीनिक पर छापा मारा। टीम को सूचना मिली थी कि लोहारू पर एक झोला छाप डॉक्टर फर्जी तरीके से उपचार कर रहा है और मरीजों से मोटी फीस ले रहा है।
टीम ने क्लीनिक में रेड की तो वहां चार कर्मचारी मिले। पूछताछ में वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। क्लीनिक का लाइसेंस व डिग्री मांगी तो वह भी थी। चारों को पुलिस के हवाले कर दिया गया। जांच के दौरान क्लीनिक से एक रजिस्टर मिला और इसमें कुछ मरीजों के नाम भी लिखे गए थे। इसके अलावा दवाएं मिली और टेबल से 6 फोन बरामद हुए। टीम ने मोबाइल वहीं छोड़ रजिस्टर व दवाएं जब्त की हैं। इसके अलावा दुकान में काफी मात्रा में कच्चा माल मिला, जिनका उपयोग दवा बनाने में किया जाता है।
अन्य राज्यों में भेजी जाती थी दवाएं : जांच करने पर टीम को करियर भी मिले और फोन में भी बातचीत मिली। यहां से दवाएं बनाकर ऑनलाइन ऑर्डर कर अन्य राज्यों में भेजी जाती थी। इसमें तीन कस्टमर तेलंगाना के मिले, जबकि चार ऑर्डर राज्यों में करियर किए गए थे।
करियर में ये मिला सामान : विभाग की टीम को एक करियर खुला तो उसमें से दो पुड़िया, तेल की शीशी व एक पट्टी मिली। इनसे ही पुरुषों की मर्दाना शक्ति बढ़ाने का उपचार किया जाता था। इसके लिए मरीजों से 8 से 10 हजार रुपये लिए जाते थे।
कार्रवाई के दौरान भी उपचार कराने पहुंचे मरीज : अधिकारियों ने बताया कि उनकी कार्रवाई छह घंटे चली। इस दौरान काफी मरीज उपचार के लिए पहुंचे और चिकित्सक के बारे में पूछताछ की। चिकित्सक न होने के कारण वापस चले गए और कुछ मरीज बाहर से ही पुलिस टीम देखकर चलते बने। यहां पर टीम ने कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए और उनसे उपचार के बारे में बात की।
मोबाइल में मिली दवाओं का असर न होने की रिकॉर्डिंग : टीम को मौके पर छह मोबाइल फोन मिले। इनकी जांच करने पर टीम को दवाओं के लिए बातचीत व वाइस मैसेज मिले। इसमें मरीजों की ओर से दवाओं का कोई असर न होने की रिकॉर्डिंग भेजी गई है और उपचार के लिए दोबारा अच्छी दवा देने के लिए कहा है।