सिंधु जल संधि स्थगित होने से बिलबिला रहा पाकिस्तान, पीएम शहबाज शरीफ ने की गाजा संकट से तुलना

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नई दिल्ली : भारत द्वारा सिंधु जल संधि स्थगित किए जाने से पाकिस्तान किस तरह गिड़गिड़ा रहा है। इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब ताजिकिस्तान के एक सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत द्वारा सिंधु नदी जल रोके जाने की तुलना से पाक में पैदा हुए संकट को गाजा के जल संकट की तरह भयावह बताया। हालांकि इस दौरान शहबाज ने गीदड़भभकी भी दी कि पाकिस्तान भारत को रेड लाइन क्रॉस नहीं करने देगा।

बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में ताजिकिस्तान के दौरे के दौरान गाजा संकट का जिक्र किया। इस दौरान बिना पानी के तड़प रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ताजिकिस्तान में मौजूद विश्व नेताओं के सामने गिड़गिड़ाना शुरू कर दिया है। उन्होंने सिंधु का पानी नहीं मिलने से पाकिस्तान में पैदा हुए संकट की तुलना गाजा में चल रहे जल संकट से कर दी। शहबाज ने गाजा के मानवीय संकट और भारत-पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौते की स्थिति को एक साथ जोड़ते हुए कहा कि जैसे गाजा में पानी को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, वैसे ही भारत भी पानी को पाकिस्तान के खिलाफ एक रणनीतिक हथियार की तरह प्रयोग कर रहा है।

शहबाज शरीफ के बयान से साफ है कि भारत ने सिंधु जल संधि रद्द करके इस्लामाबाद को सही जगह चोट मारी है। अब पाकिस्तान दुनिया के नेताओं के सामने पानी के लिए गिड़गिड़ाता दिख रहा है। ताकि कोई देश उसकी आतंकी करतूतों के बावजूद उसे दीन-हीन की तरह देखकर भारत से पानी छोड़ने को कह दे। मगर शहबाज शायद इस बात को भूल गए हैं कि भारत अपना निर्णय स्वयं करने वाला देश है। आइये आपको बताते हैं कि प्रधानमंत्री शरीफ ने अपने बयान में क्या कहा?

शहबाज ने कहा, “भारत सिंधु जल समझौते के तहत मिलने वाले पानी को रोक कर या उसके प्रवाह को नियंत्रित कर एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। यह एक गंभीर मुद्दा है और पाकिस्तान इसे हरगिज़ बर्दाश्त नहीं करेगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान सिंधु जल समझौते के उल्लंघन को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा और भारत को इस समझौते की “लाल रेखा” पार करने नहीं देगा।

गौरतलब है कि सिंधु जल समझौता 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ था, जो दोनों देशों के बीच जल वितरण को लेकर एक महत्वपूर्ण संधि है। भारत ने सद्भाव पूर्वक पाकिस्तान को यह पानी देने के लिए राजी हुआ था। भारत इस समझौते के तहत सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों के पानी का कुछ हिस्सा पाकिस्तान को देता है। मगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ लगातार आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते आ रहा है। ऐसे में पीएम मोदी ने साफ कह दिया है कि अब खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता।

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