J&K : सियालकोट में चिनाब पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी, पाकिस्तान को बड़ा झटका 

India-Hydro-Project-J&K

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बाद पहला बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर के सियालकोट में 1856 मेगावाट के हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया है। भारत के इस कदम से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है क्योंकि यह परियोजना उसकी लगातार की जाने वाली आपत्तियों के कारण अब तक आरंभ नहीं हो पाई थी।

नेशनल हाइड्रोपावर कॉरपोरेशन ने 1960 के दशक में बनाई गई इस योजना के तहत ई-टेंडर जारी किया है और इसके बारे में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। टेंडर भरने की आखिरी तिथि 10 सितंबर है। यह परियोजना जम्मू से करीब 120 किलोमीटर और श्रीनगर से 130 किलोमीटर दूर रामबन जिले के सिंधु गांव में निर्मित की जाएगी। सियालकोट परियोजना सिंधु नदी के पानी के अधिकतम इस्तेमाल की दिशा में एक बड़ा कदम है। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि स्थगित कर दी थी।

इससे पहले, बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सिंधु जल संधि को महत्वपूर्ण बताते हुए पाकिस्तान के शर्तों पर तैयार होने के लिए कांग्रेस की आलोचना की थी। जयशंकर ने कहा, सिंधु जल संधि कई मायनों में अनूठी थी। मैं यह सोच भी नहीं सकता कि दुनिया में कहीं भी कोई ऐसी संधि हो सकती है जहां कोई देश अपने यहां से बहने वाली नदी पर अपना अधिकार रखे बिना सारा पानी दूसरे देश को बांट दे।

उन्होंने इस संधि के बारे में संसद में जवाहरलाल नेहरू के बयान को भी उद्धृत किया और कहा, उन्होंने (नेहरू) कहा था, मैं जानना चाहता हूं कि क्या इस सदन को पानी की मात्रा या दिए जाने वाले धन का आकलन करना है। तत्कालीन प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, मुझे यह संधि पाकिस्तानी पंजाब के हित में करनी है। नेहरू ने कश्मीर या पंजाब के किसानों के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा, न ही राजस्थान या गुजरात के बारे में कुछ कहा। पीएम नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 खत्म कर और सिंधु जल संधि को स्थगित कर जवाहरलाल नेहरू की गलती को सुधारा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *