नई दिल्ली : पाकिस्तान को उसकी पश्चिमी सीमा से भी खतरे की घंटी साफ सुनाई देने लगी है. भारत और अफगानिस्तान में काबिज तालिबान सरकार के बीच घटती दूरियों से इस्लामाबाद में हड़कंप मचा है. तालिबान ने पाकिस्तान के भारत विरोधी प्रोपेगैंडा को सिरे से खारिज कर दिया है. तालिबान ने साफ संदेश दे दिया है कि उसे हथियार की तरह इस्तेमाल करने की सोच पाकिस्तान अब अपने दिमाग से निकाल दे. विदेश मंत्री एस. जयशंकर की तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री से हुई बातचीत ने ये पैगाम पहलगाम हमले कराने वाले पाकिस्तान को भेज दिया है.
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से फोन पर बातचीत हुई है. तालिबान के अफगानिस्तान में दोबारा सत्ता में आने के बाद शीर्ष स्तर पर इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है. दोनों नेताओं ने इस मुलाकात में पाकिस्तान को परोक्ष रूप से संदेश दे दिया कि अब पुराने दिन लद गए. पाकिस्तान सरकार और उसकी जिहादी सेना अब तालिबान का इस्तेमाल भारत विरोधी अभियान के लिए नहीं कर पाएगी.
जयशंकर ने तालिबान सरकार के विदेश मंत्री मुत्ताकी से फोन पर हुई बातचीत में पहलगाम हमले को लेकर उनकी ओर से की गई निंदा का स्वागत किया. इससे पहले तालिबान के विदेश मंत्री मुत्ताकी और भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी के बीच दुबई में जनवरी में बातचीत हुई थी.अफगानिस्तान के अगस्त 2021 में सत्ता संभालने के बाद दोनों देशों के बीच यह शीर्ष स्तर का संवाद है.
भारत और पाकिस्तान में तनाव के बीच नई दिल्ली और काबुल के बीच घटती दूरी से ये साफ संदेश दिया गया है कि पड़ोसी मुल्क अब दुष्प्रचार और अफवाहों से भारत विरोधी अभियान अफगानिस्तान में नहीं चला पाएगा. तालिबान पहले ही साफ कह चुका है कि वो अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी किसी गतिविधि के लिए नहीं होने देगा. ये पाकिस्तान के हुक्मरानों के लिए झटका है, जो तालिबान को भारत के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल करने के पुराने हथकंडे को फिर आजमाने की कोशिश में हैं.
जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्ताकी से उनका अच्छा संवाद हुआ. मुत्ताकी ने साथ ही पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा को भी बेनकाब किया. जयशंकर ने कहा, भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिशों को मुत्ताकी से सिरे से खारिज किया है. उन्होंने इसे बेबुनियाद और झूठा करार दिया है. दरअसल, पाकिस्तानी मीडिया में दुष्प्रचार चल रहा था कि भारत ने तालिबान के जरिये अपने ही इलाके पहलगाम में आतंकी हमला कराया ताकि पाकिस्तान पर निशाना साधा जा सके.