नई दिल्ली : अमेरिका की ओर से टैरिफ शुल्क से जुड़े नियमों में बदलाव के बाद भारतीय डाक विभाग से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। डाक विभाग 29 अगस्त से विभाग अमेरिका जाने वाले पार्सल की आवाजाही अस्थायी रूप निलंबित करेगा। डाक विभाग ने घोषणा की है कि वह 25 अगस्त से अमेरिका के लिए अधिकांश डाक खेपों को अस्थायी रूप से स्वीकार करना बंद कर देगा। ऐसा इस महीने के अंत में लागू होने वाले अमेरिकी शुल्क नियमों में बदलावों के बाद होगा।
अमेरिका ने 30 जुलाई को एक आदेश जारी कर 800 अमेरिकी डॉलर तक के मूल्य वाले सामानों के लिए शुल्क-मुक्त छूट वापस ले ली। 29 अगस्त से, अमेरिका को भेजे जाने वाले सभी डाक सामान, चाहे उनका मूल्य कुछ भी हो, अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईईईपीए) टैरिफ ढांचे के तहत सीमा शुल्क आकर्षित करेंगे।
केवल 100 अमेरिकी डॉलर तक की उपहार वाली वस्तुएं ही शुल्क मुक्त रहेंगी। आदेश के अनुसार, केवल अंतरराष्ट्रीय वाहक और अमेरिकी सीमा शुल्क की ओर से अनुमोदित अन्य “योग्य पक्ष” ही डाक शिपमेंट पर शुल्क वसूल और भुगतान कर सकते हैं। लेकिन चूंकि इन पक्षों को मंजूरी देने और शुल्क वसूली की प्रक्रिया अभी स्पष्ट नहीं है, इसलिए एयरलाइनों ने कहा है कि वे 25 अगस्त के बाद अमेरिका जाने वाले डाक पार्सल नहीं ले जा पाएंगी।
इसे देखते हुए, भारतीय डाक 25 अगस्त से अमेरिका के लिए सभी प्रकार की वस्तुओं की बुकिंग निलंबित कर देगा। हालांकि पत्रों, दस्तावेजों और 100 अमेरिकी डॉलर तक के उपहारों को इससे छूट मिलेगी। डाक विभाग ने कहा कि जिन ग्राहकों ने पहले से ही पार्सल बुक कर लिया है और उन्हें भेजा नहीं जा सकता, वे डाक शुल्क वापसी का दावा कर सकते हैं।
बयान में कहा गया है, “डाक विभाग ग्राहकों को हुई असुविधा के लिए गहरा खेद व्यक्त करता है और आश्वासन देता है कि अमेरिका के लिए पूर्ण सेवाएं जल्द से जल्द बहाल करने के लिए सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं।”
संचार मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, डाक विभाग ने 25 अगस्त, 2025 से अमेरिका जाने वाली सभी प्रकार की डाक वस्तुओं की बुकिंग अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया है। सिवाय उन पत्रों/दस्तावेजों और उपहार वस्तुओं के जिनका मूल्य 100 अमेरिकी डॉलर तक है। मंत्रालय के अनुसार सीमा शुल्क व सीमा सुरक्षा (सीबीपी) और संयुक्त राज्य डाक सेवा (यूएसपीएस) से आगे स्पष्टीकरण मिलने के बाद, इन छूट प्राप्त श्रेणियों को अमेरिका में स्वीकार और भेजा जाना जारी रहेगा।