पाकिस्तान हमें नहीं उकसाये, अन्यथा….सेना प्रमुख ने दी चेतावनी; सेना को राजनीति में नहीं घसीटे राहुल गांधी

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नई दिल्ली : पाकिस्तान में खाने के लाले पड़े हैं लेकिन इसके बावजूद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. आए दिन LoC पर पड़ोसी मुल्क की तरफ से गतिविधि देखी जाती है. बीते दिन एक शख्स भी पकड़ा गया था. शायद पाकिस्तान ये भूल रहा है कि ये नया भारत है. लगातार पाकिस्तान की ऐसी हरकत से सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी आक्रामक रवैये में हैं. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान हमें उकसाता है तो हम उसका जवाब दे सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि सेना को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए.

आतंकवादियों की संख्या में कमी : एएनआई से बात करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि अब 2014 से जो हुआ है अगर आप देखेंगे तो भारत और पाकिस्तान दोनों पक्ष ने आमतौर पर समझ लिया है कि हम काम के इरादे से काम कर रहे हैं. भारत अपने संवाद को लेकर हमेशा दृढ़ रहेगा. साथ ही जरूरत पड़ने पर भारत आक्रामक रवैया भी अपना सकता है. बातचीत में बताया कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद आतंकवादियों की संख्या और स्थानीय लोगों की भर्ती में काफी कमी आई है. लोगों में अब पहचान को लेकर कोई भी भ्रम नहीं है.

जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग : क्योंकि अगस्त 2019 से भारत ने पूर्ण जम्मू-कश्मीर के लिए अपनी मंशा बहुत स्पष्ट रूप से व्यक्त की है और जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है.  इस पर कोई समझौता नहीं है. सेना प्रमुख ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले जम्मू-कश्मीर के लोगों के सामने आने वाली पहचान की समस्या का एक उदाहरण दिया, उन्होंने कहा कि इस मामले को सुलझाने से ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) – जो आतंकवादियों की मदद करते हैं – के मुद्दे को हल करने में भी मदद मिली है. साथ ही कहा कि राज्य के एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता की पत्नी ने कहा था कि अगस्त 2019 के बाद, जब उनके बच्चे स्कूल गए, तो उन्हें भ्रम नहीं हुआ, क्योंकि पहले उन्हें यह नहीं पता था कि उन्हें कौन सा झंडा बनाना है.

बच्चे हैं स्पष्ट : 5 अगस्त, 2019 के बाद, बच्चे इस बारे में बहुत स्पष्ट हैं कि उनकी कॉपी में कौन सा झंडा बनाना है. इसलिए यही इरादा है जो व्यक्त किया गया है. इसलिए एक बार जब यह इरादा व्यक्त किया गया है, तो इसका मतलब है कि ओजीडब्ल्यू की संख्या निश्चित रूप से कम हो जाएगी.  उन्होंने उल्लेख किया कि कश्मीर के लोगों की मदद करने के लिए सुरक्षा बलों के सहयोगात्मक प्रयास और “आतंकवाद से पर्यटन” की थीम के परिणामस्वरूप सफलता मिली है. सबसे अच्छी बात यह है कि आप पाएंगे कि अंतर-एजेंसियां, सुरक्षा बल और कानून प्रवर्तन एजेंसियां तीनों ने आवाम की मदद के लिए हाथ मिलाया है. अब आपने विकास को बढ़ावा दिया है. एक बार जब आप ये सब कर लेंगे, तो निश्चित रूप से बहुत बड़ा बदलाव आएगा.

मिल रही है सफलता : इसलिए हम कह रहे हैं कि आतंकवाद से लेकर पर्यटन तक की हमारी थीम में आज सफलता के संकेत मिल रहे हैं. अमरनाथ यात्रा में पांच लाख से ज़्यादा तीर्थयात्री पहुंचे जो कि पहले कभी नहीं हुआ. पिछले साल एक हफ़्ते के भीतर हुए तीन हमलों के बारे में बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा, “इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. ऐसा होता रहता है और इसलिए आपके पास फ़्लैग मीटिंग सिस्टम है. जब आप फ़्लैग मीटिंग के लिए जाते हैं, तो आप खुलकर चर्चा करते हैं कि क्या है, क्या नहीं है. अगर वहां इसका समाधान नहीं होता है, तो यह डीजीएमओ (सैन्य संचालन महानिदेशक) स्तर पर होता है.

पाकिस्तान की मानसिकता पर बोले प्रमुख : कश्मीर के बारे में पाकिस्तान की मानसिकता के बारे में बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि वे अपनी ही दुनिया में उलझे हुए हैं. जनरल द्विवेदी ने पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना ने कुछ कहा है और अब उनके पास कोई रास्ता नहीं है, इसलिए वे इस विषय पर ‘लटकते’ रहते हैं. “देखिए, वे अपनी ही बातों में फंस गए हैं. देवानंद जी की एक फिल्म है; मुझे लगता है कि नारायण जी ने यह किताब लिखी है. आरके नारायण. क्या आपको याद है कि देवानंद जी आखिरी में साधु बन गए थे? और वे एक पागल आदमी थे, इसलिए उन्होंने जाकर घोषणा की कि स्वामी जी ने कहा था, मैं तब तक उपवास करूंगा जब तक बारिश नहीं होगी. अब पाकिस्तान की सेना ने एक बार कहा है कि हमें यह करना है. अब उनके पास इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है. इसलिए वे कश्मीर की तलाश करते रहेंगे.

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