नई दिल्ली/यरुशलम : गाजा में चल रहे संघर्ष के बीच पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग सोमवार को इस्राइल के अशदोद बंदरगाह पहुंचीं। इससे पहले इस्राइली नौसेना ने इस नाव को रोका और उस पर सवार 12 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। ये सभी लोग गाजा के लिए मानवीय मदद लेकर जा रहे थे।
बता दें कि यह नाव फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन की तरफ से भेजी गई थी, जो गाजा में इस्राइली सैन्य कार्रवाई और मानवीय सहायता रोकने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि नाव अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा में थी जब उसे रोका गया।
इस्राइल ने कहा- मजाक है मदद कार्यक्रम : अब बात अगर मामले में इस्राइल की प्रतिक्रिया की करें तो इस्राइल ने इसे एक प्रचार अभियान बताया। साथ ही कहा कि कार्यकर्ताओं को सुरक्षित तट पर लाया गया है और अब उन्हें उनके देश वापस भेजा जाएगा। इतना ही नहीं विदेश मंत्रालय ने एक तस्वीर भी साझा की जिसमें ग्रेटा थनबर्ग नाव से उतरती दिखाई दे रही हैं।
डिटेंशन सेंटर में रहेंगे सभी कार्यकर्ता : वहीं इस मामले में अदालाह नामक कानूनी संगठन की माने तो हिरासत में लिए गए सभी कार्यकर्ताओं को रामले शहर के एक डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा और फिर उन्हें देश से निकाल दिया जाएगा। फिलहाल सभी की स्वास्थ्य जांच की जा रही है।
दूसरी ओर फ्रीडम फ्लोटिला ने बयान जारी कर कहा कि नाव को अवैध रूप से कब्जे में लिया गया, निहत्थे नागरिकों को अगवा किया गया और जरूरी राहत सामग्री जब्त कर ली गई, जिसमें बच्चों के लिए दूध, खाना और दवाइयां शामिल थीं।
गाजा युद्ध में अब-तक क्या हुआ : गौरतलब है कि सात अक्टूबर 2023 के हमास ने दक्षिणी इजरायल पर हमला कर 1,200 लोगों को मार डाला। इसके जवाब में इस्राइल ने गाजा में बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की माने तो इस्राइल के हमले में अब तक लगभग 54,000 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। वहीं लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा।