इसरो ने किया अंतरिक्ष स्टेशन की लॉन्चिंग की तैयारी

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कोलकाता : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने खुद के अंतरिक्ष स्टेशन को कक्षा में लॉन्च करने के लिए तैयार हो रहा है। यह भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में एक साहसिक छलांग है। यह बात इसरो चेयरमैन वी नारायणन ने बृहस्पतिवार को समाज सुधारक राममोहन राय की 253वीं जयंती पर राम मोहन मिशन के एक कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-4 को अगले ढाई साल में लॉन्च किया जाएगा।

इसरो प्रमुख ने कहा कि वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव हैं। उनका विभाग देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि उदाहरण के लिए हमारे देश को ही लें, हमारे पास 11,500 किलोमीटर की तटरेखा है, और फिर उत्तरी सीमा है। हमारी पास निगरानी के लिए एक विशाल सीमा है और सरकार सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगन से काम कर रही है।

इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति और प्रणालियां मौजूद हैं।  नारायणन ने कहा कि फिलहाल, हमारे पास कक्षा में 57 उपग्रह हैं। ये मौसम के पूर्वानुमान से लेकर सबसे दूरदराज के क्षेत्रों में टेली-शिक्षा तक कई मुद्दों पर वास्तविक समय के अपडेट और डाटा देकर जनता की सेवा कर रहे हैं।

अंतरिक्ष स्टेशन को लेकर नारायण ने कहा कि इसका वजन 50 टन से अधिक होगा। पीएसएलवी- सी61/ईओएस-09 मिशन की हालिया नाकामी को नारायणन ने इसरो के ट्रैक रिकॉर्ड में एक अपवाद बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह नाकामी किसी भी तरह से इसरो के गगनयान जैसे भविष्य के कार्यक्रमों को पटरी से नहीं उतार सकती, क्योंकि यह कार्यक्रम भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।

अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने आगे कहा कि इसरो देश की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान, जिसे गगनयान कहा जाता है, की तैयारी कर रहा है। नारायणन ने कहा कि गगनयान का पहला मिशन एक मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसे आने वाले दिनों में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इसके बाद चालक दल के साथ दो मिशन होंगे, जिन्हें निकट भविष्य में इसरो के लॉन्च किए जाने की उम्मीद है।

इसरो चेयरमैन वी नारायणन ने आगे बताया, अभी, हम (इसरो) चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 पर भी काम कर रहे हैं। जापान के सहयोग से चंद्रयान-5 में 6,400 किलोग्राम का लैंडर होगा, जो 350 किलोग्राम का रोवर ले जाएगा। इसका जीवनकाल 100 दिन होगा। चंद्रयान-3 लैंडर का वजन 1,600 किलोग्राम था और इसमें 25 किलोग्राम का रोवर था। 

चंद्रयान-4, चांद की सतह से नमूने वापस लाने के लिए अगले ढाई साल में लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों में भारत आगे बढ़ा है और अब अंतरिक्ष अनुसंधान और अन्वेषण में शीर्ष देशों में शामिल है। नारायणन ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में महिला अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के योगदान के बारे में भी बताया।

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