जमात-ए-इस्लामी के 215 स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथ में लेगी जम्मू-कश्मीर सरकार, शिक्षा विभाग का आदेश

Jammat-E-Islam

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर सरकार जमात-ए-इस्लामी से संबद्ध 215 स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथ में लेगी। इस संबंध में शुक्रवार को स्कूल शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया। इसमें कहा गया हैकि ऐसे स्कूलों का प्रबंधन जिला मजिस्ट्रेटों को सौंपा जाएगा, जो फिर एक नई प्रबंधन समिति का प्रस्ताव देंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 28 फरवरी, 2019 और फिर 27 फरवरी, 2024 को जमात-ए-इस्लामी (जीईआई ) को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया था।

आदेश में कहा गया है खुफिया एजेंसियों ने कई स्कूलों की पहचान की है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई)/फलाह-ए-आम ट्रस्ट (एफएटी) से संबद्ध पाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि 215 ऐसे स्कूलों की प्रबंध समितियों की वैधता समाप्त हो गई है / खुफिया एजेंसियों द्वारा प्रतिकूल रिपोर्ट की गई है।

आदेश में कहा गया है कि इन स्कूलों में नामांकित छात्रों के शैक्षणिक भविष्य की सुरक्षा के लिए ऐसे स्कूलों की प्रबंध समितियों को अपने नियंत्रण में लेने का निर्णय लिया गया है। इसमें कहा गया है, 215 स्कूलों की प्रबंधन समिति को संबंधित जिला मजिस्ट्रेट/उपायुक्त द्वारा अपने नियंत्रण में लिया जाएगा जो संबंधित स्कूलों के लिए विधिवत सत्यापन के बाद उचित समय पर एक नई प्रबंध समिति का प्रस्ताव देंगे। इसमें कहा गया है कि इन स्कूलों का कार्यभार संभालने वाले संबंधित जिला मजिस्ट्रेट/उपायुक्त स्कूल शिक्षा विभाग के परामर्श और समन्वय से उचित कदम उठाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन स्कूलों में नामांकित छात्रों का शैक्षणिक करियर किसी भी तरह से प्रभावित न हो।

गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव राम निवास शर्मा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि उपायुक्त इन स्कूलों में एनईपी मानदंडों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय भी करेंगे।

जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी से जुड़े ‘फलाह-ए-आम’ (एफएटी) की ओर से चलाए जा रहे 300 से अधिक संस्थानों में जून 2022 में पढ़ाई बंद करने का आदेश दिया था। इन्हें 15 दिनों के भीतर सील करने को कहा गया था। 
सभी छात्रों को मौजूदा सत्र के लिए नजदीकी सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाया गया था। अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि जमात-ए-इस्लामी ज्यादातर एफएटी स्कूलों, मदरसों, अनाथालयों, मस्जिदों और अन्य परोपकारी कार्यों से अपना काम चलाता है और कहा था कि इस तरह के संस्थानों ने 2008, 2010 और 2016 में बड़े पैमाने पर अशांति फैलाई। आदेश में कहा गया था कि इन प्रतिबंधित संस्थानों में पढ़ने वाले सभी छात्र मौजूदा सत्र के लिए नजदीकी सरकारी स्कूलों में दाखिला ले सकेंगे। आदेश में मुख्य शिक्षा अधिकारियों, प्राचार्यों और क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारियों को इन छात्रों के दाखिले में मदद करने को भी कहा गया था।

अधिकारियों ने बताया कि जमात-ए-इस्लामी ज्यादातर एफएटी स्कूलों, मदरसों, अनाथालयों, मस्जिदों और अन्य परोपकारी कार्यों से अपना काम चलाता रहा है। इस तरह के संस्थानों ने 2008, 2010 और 2016 में बड़े पैमाने पर अशांति फैलाने में नकारात्मक भूमिका निभाई जिससे आम लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 300 से अधिक संख्या वाले लगभग सभी एफएटी स्कूल अवैध रूप से अधिग्रहित सरकारी और सामुदायिक भूमि पर मौजूद पाए गए हैं। इन जमीन पर जबरदस्ती, बंदूक की नोक पर कब्जा किया गया था। साथ ही राजस्व अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर धोखाधड़ी और जालसाजी करके गलत ढंग से संस्थाएं बनाईं गई। उन्होंने बताया कि कि एसआईए पहले ही इस तरह के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है और एजेंसी जांच के दायरे को बढ़ा रही है ताकि उन सभी धोखाधड़ी, अनधिकृत संस्थाओं और जालसाजी का पता लगाया जा सके जो पिछले 30 वर्षों में आतंकवादियों के इशारे पर की गई हैं।

कश्मीर घाटी में सरकार द्वारा अपने प्रबंधन में लिए गए 215 स्कूल सभी 10 ज़िलों में स्थित हैं। इनमें से सबसे ज़्यादा बारामुला में 53, अनंतनाग में 37, कुपवाड़ा में 36, पुलवामा में 22, बड़गाम में 20, कुलगाम में 16, शोपिया में 15, गांदरबल में 6, बांदीपोरा में 6 और श्रीनगर में 4 स्कूल हैं।

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