कोलकाता : पश्चिम बंगाल विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक बड़ी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कश्मीर घाटी में प्रतिबंधित ‘तहरीक ए मुजाहिदीन’ संगठन का गिरफ्तार सदस्य बांग्लादेश जाने के लिए नदी मार्ग का इस्तेमाल करने और फिर पाकिस्तान भागने की योजना बना रहा था।
जावेद मुंशी के रूप में पहचान हुई : बंगाल एसटीएफ अधिकारियों का यह भी मानना है कि गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान जावेद मुंशी के रूप में हुई है, जिसके लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी समूह के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। अधिकारी ने बताया कि जांचकर्ता उसके पास से जब्त नोटों को डिकोड करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उसकी योजना के बारे में और जानकारी मिल सके।
बंगाल से गिरफ्तार : मुंशी को जम्मू-कश्मीर पुलिस और बंगाल पुलिस की एक संयुक्त टीम ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में कैनिंग अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया था।
अधिकारी ने कहा, ‘मुंशी बांग्लादेश पहुंचने के लिए नदी मार्ग का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा था, जहां से वह पाकिस्तान भाग जाना चाहता था। बांग्लादेश उसके लिए एक सुरक्षित मार्ग के रूप में काम कर सकता था। इसी कारण वह कश्मीर से बंगाल की यात्रा कर रहा था।’
इस संगठन से भी जुड़ा : उन्होंने कहा, ‘तहरीक ए मुजाहिदीन संगठन पाकिस्तान से नियंत्रित है और इसका घाटी के अन्य आतंकी संगठनों के साथ-साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी संपर्क है।’
इन रास्तों को अपनाने की बना रहा था योजना : उन्होंने आगे बताया कि 58 वर्षीय शख्स बांग्लादेश पहुंचने के लिए विभिन्न मार्गों पर विचार कर रहा था, जिनमें कन्निंग से धमाखाली तक सड़क मार्ग से यात्रा करना और फिर सुंदरबन के माध्यम से नदी मार्ग का इस्तेमाल करना शामिल था। एक अन्य विकल्प था रायमंगल नदी के जरिए हेमनगर, हिंगलगंज तक जाना, जो बांग्लादेश से कुछ ही दूरी पर है, या फिर उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली से होकर खुलना पहुंचना।
गिरफ्तारी के दौरान एसटीएफ ने मुंशी के पास से श्रीनगर के पते वाला एक आधार कार्ड, 50,000 रुपये नकद और दो मोबाइल फोन जब्त किए। उन्होंने कहा, ‘शख्स तहरीक ए मुजाहिदीन का दूसरा प्रमुख सदस्य प्रतीत होता है और जिहादी गतिविधियों में शामिल रहा है। जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि मुंशी आईईडी बनाने में कुशल है और हथियारों को संभालने का भी जानकार है।’
कई बार कर चुका था यात्रा : अधिकारी ने कहा कि एसटीएफ ने पर्याप्त सबूत इकट्ठा किए हैं, जो यह दिखाते हैं कि मुंशी कई बार बांग्लादेश यात्रा कर चुका था और उसका लश्कर-ए-तैयबा के वरिष्ठ सदस्यों के साथ संपर्क था।
कॉल रिकॉर्ड की जांच : जांचकर्ता अब मुंशी से जब्त किए गए दो मोबाइल फोन के कॉल रिकॉर्ड का विश्लेषण कर रहे हैं। अधिकारियों को संदेह है कि मुंशी लोगों की भर्ती करने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने कहा कि कॉल रिकॉर्ड्स यह पहचानने में मदद कर सकते हैं कि वह किससे संपर्क कर रहा था और क्षेत्र में बने रहने के उसके मकसद को समझने में भी सहायक हो सकते हैं।