रांची : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में हेमंत सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में अब “नाम परिवर्तन घोटाला” भी सामने आ गया है। प्रतुल ने दावा किया कि राज्य बनने के बाद कई वर्षों तक नाम परिवर्तन से संबंधित गजट नोटिफिकेशन की प्रक्रिया मैनुअल थी और इसका रजिस्टर मेंटेन किया जाता था, लेकिन हेमंत सरकार के कार्यकाल में वह सभी रजिस्टर रहस्यमय तरीके से गायब हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि नाम परिवर्तन संबंधी कोई भी दस्तावेज अब उपलब्ध नहीं है। इस दौरान कितने लोगों ने नाम बदले, किसने बदला – इसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिल रहा। प्रतुल ने यह भी आरोप लगाया कि हाल के वर्षों में प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बावजूद रिकॉर्ड को सही तरीके से संधारित नहीं किया गया। साथ ही इस प्रक्रिया में वित्तीय अनियमितताओं की भी आशंका जताई।
प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि क्या यह पूरा मामला राज्य में हुए धर्मांतरण की वास्तविक संख्या को छुपाने की साजिश तो नहीं है? उन्होंने कहा कि झारखंड में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण में लिप्त शक्तियां सक्रिय हैं और गायब दस्तावेजों के जरिए लोगों की असली पहचान को छुपाया जा सकता है। नाम परिवर्तन का रजिस्टर मतदाता पहचान और आधार जैसी प्रक्रियाओं में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के दस्तावेजों के गायब होने से संबंधित व्यक्ति अपने आधार कार्ड में नाम, उम्र, धर्म और जाति तक में बदलाव कर सकता है, जो कि गंभीर चिंता का विषय है।
प्रतुल ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस संबंध में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। केवल राजकीय मुद्रणालय के संजीव कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया है, जबकि दस्तावेजों के गायब होने जैसे मामलों में सामान्यतः एफआईआर दर्ज कर संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाती है। भाजपा प्रवक्ता ने मांग की कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने आशंका जताई कि जांच में कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।