नई दिल्ली/कराची : पाकिस्तान के कराची की मलीर जेल में बंद 52 वर्षीय मछुआरे की मौत हो गई। उसने कथित तौर पर अपनी कोठरी में आत्महत्या कर ली। मछुआरे का शव बैरक के शौचालय में रस्सी से लटका मिला। वह फरवरी 2022 से जेल में बंद था। एक जेल अधिकारी ने बृहस्पतिवार को मछुआरे की मौत की जानकारी दी।
जेल अधीक्षक अरशद हुसैन ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से बताया कि गौरव राम आनंद ने मंगलवार रात बैरक के शौचालय में रस्सी से फांसी लगा ली। उन्होंने बताया कि आनंद को जेल के डॉक्टरों ने रात करीब 2:30 बजे मृत घोषित कर दिया। आनंद के शव को ईधी ट्रस्ट के शवगृह भेज दिया गया है, जहां औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शव को उनके परिवार को सौंप दिया जाएगा।
फरवरी 2022 में हुई थी आनंद की गिरफ्तारी : मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय मछुआरे गौरव राम आनंद को फरवरी 2022 में तब गिरफ्तार किया गया, जब वह पाकिस्तान के जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के लिए अवैध रूप से घुसा था। गिरफ्तारी के बाद, आनंद को मलीर जेल भेज दिया गया था, जहां वह तभी से बंद था। जेल अधीक्षक हुसैन ने बताया कि जेल में सजा काट रहे ज्यादातर भारतीय मछुआरे गुजरात के गिर सोमनाथ क्षेत्र से हैं।
कैदियों की अदला-बदली करती रहती हैं दोनों देशों की सरकारें : पाकिस्तान और भारत की सरकारें एक-दूसरे के साथ सद्भावना के तहत नियमित रूप से कैदियों की अदला-बदली करती रही हैं, जिनमें ज्यादातर गरीब मछुआरे होते हैं। फरवरी 2022 में मलीर जेल से रिहा होने के बाद भारतीय मछुआरों को वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया था।
करीब 190 भारतीय मछुआरे अभी भी पाकिस्तानी जेलों में बंद : ईधी फाउंडेशन, अंसार बर्नी वेलफेयर ट्रस्ट और सरकारी सूत्रों के अनुसार, करीब 190 भारतीय मछुआरे अभी भी पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं। ईधी फाउंडेशन के एक अधिकारी ने कहा कि जेल में बंद कई भारतीय मछुआरे अपनी स्थिति के कारण अवसाद और चिंता से जूझ रहे हैं। बता दें कि ईधी फाउंडेशन और अंसार बर्नी ट्रस्ट भारतीय मछुआरों की रिहाई और उन्हें वाघा सीमा तक पहुंचाने का काम करते हैं, और जेल में रहते हुए इन मछुआरों के कल्याण की भी देखभाल करते हैं।