कर्नाटक : RBI ने करवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस किया रद्द, 23 जुलाई से हुआ बिजनेस बंद

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नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) बैंकों की तरफ से नियमों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई करता रहता है. पिछले दिनों में आरबीआई ने कई बैंकों पर पेनाल्टी लगाने के अलावा कुछ का लाइसेंस भी रद्द कर द‍िया है. अब एक बार फ‍िर रिजर्व बैंक की तरफ से कर्नाटक के करवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Karwar Urban Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. लाइसेंस रद्द करने का कारण बैंक की आमदनी की संभावनाओं की कमी बताया गया है.

23 जुलाई से बंद किया गया बैंक का बिजनेस : आरबीआई (RBI) की तरफ से 22 जुलाई 2025 को दिये गए आदेश में कहा गया कि करवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Karwar Urban Co-operative Bank) अब बैंकिंग ब‍िजनेस नहीं कर सकेगा. यह नियम 23 जुलाई 2025 को कारोबार बंद होने के बाद से लागू हो गया है. आरबीआई का कहना है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और यह बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 की शर्तों को पूरा नहीं करता.

आने वाले समय में कमाई की संभावनाएं नहीं : रिजर्व बैंक की तरफ से बताया गया कि बैंक के पास न तो पर्याप्त मार्केट कैपिटल है और न ही भविष्य में कमाई की संभावनाएं हैं. यह स्थिति बैंकिंग नियमन अधिनियम के सेक्शन 11(1), 22(3)(d) और 56 का उल्लंघन करती है. ऐसे में बैंक का लाइसेंस रद्द किया जाना जरूरी हो गया. आरबीआई ने कर्नाटक के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने और एक लिक्विडेटर नियुक्त करने के लिए कहा है. इससे बैंक की एसेट को मैनेज किया जा सकेगा.

जमाकर्ताओं का क्या होगा? : जिन लोगों ने इस बैंक में पैसे जमा किये हैं, उन्हें डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) से पांच लाख रुपये तक का इंश्‍योरेंस क्‍लेम मिलेगा. आरबीआई के अनुसार, 92.9% जमाकर्ताओं को अकाउंट में जमा उनका पूरा पैसा म‍िल जाएगा. 30 जून 2025 तक डीआईसीजीसी (DICGC) ने 37.79 करोड़ रुपये का पेमेंट किया है.

आरबीआई की तरफ से कहा गया कि बैंक की मौजूदा फाइनेंशियल सिचुएशन को देखते हुए इसे और ब‍िजनेस करने की अनुमति देना जनता के हित में नहीं होगा. इसलिए लाइसेंस रद्द करने का कदम उठाया गया है.

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