बंगलुरु : भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) इस साल 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है, जिनमें से ज्यादातर लोग मिड और सीनियर लेवल के होंगे। यह टीसीएस के 6.13 लाख कर्मचारियों की कुल संख्या में से 2 प्रतिशत है। टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 30 जून, 2025 तक 6,13,069 थी। वहीं, कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने टीसीएस में बड़े पैमाने पर नौकरियों में कटौती को “खतरनाक” बताया है।
कर्नाटक के श्रम मंत्री ने क्या कहा? : संतोष लाड ने बुधवार को कहा, “यह कुछ अनोखा है, क्योंकि अचानक 12,000 लोग, वह भी टीसीएस, एक बहुत बड़ी संख्या है… यह चिंताजनक है। हमारे लोग उनसे बात कर रहे हैं… मैं इसके आगे का कारण भी जानूंगा… श्रम कानून पर गौर करूंगा।” उन्होंने कहा कि उभरती कंपनियों के साथ हमेशा नरमी बरती जाती है।
जूनियर लेवल के कर्मचारी भी प्रभावित : यह कंपनी के इतिहास में सबसे बड़ी छंटनी में से एक है। ज्यादातर प्रभावित लोग मिड से सीनियर लेवल के पेशेवर हैं, हालांकि कुछ जूनियर कर्मचारी, खासकर जो लंबे समय से कार्यरत हैं, भी प्रभावित हुए हैं।
TCS ने क्या कहा? : टीसीएस ने बयान में कहा था कि यह कदम कंपनी की भविष्य के लिए तैयार संगठन बनने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। इसके तहत नई प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में निवेश, नए बाजारों में प्रवेश, ग्राहकों और स्वयं के लिए बड़े पैमाने पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग, साझेदारियों को मजबूत करना, अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे का निर्माण और अपने कार्यबल मॉडल को पुनर्गठित करने पर ध्यान दिया जाएगा।
‘अभी कई कंपनियों पर पड़ेगी AI की मार’ : इस बीच एक्सपर्ट्स को एआई और ऑटोमेशन के बढ़ते प्रभाव के कारण आने वाले समय में ऐसे और मामले आने की आशंका सताने लगी है। टेकआर्क के फाउंडर और चीफ एनालिस्ट फैसल कावूसा ने कहा कि उद्यम अब आईटी सेवा कंपनियों से एआई का उपयोग करके कम में ज्यादा काम करने की उम्मीद कर रहे हैं। कावूसा ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में लागत का दबाव आगे भी छंटनी के लिए मजबूर करेगा। हमें इसे एआई-चालित आईटी में होने वाले बड़े घटनाक्रम के एक अंग के तौर पर देखना चाहिए जहां एआई एजेंट तेजी से मानव एजेंट की जगह ले लेंगे।’’