नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक में एक दिल दहलाने देने वाली घटना सामने आई थी। जब कश्मीरी पंडित महिला नर्स सरला भट्ट को अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप किया गया था। बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी। 35 साल पुराने मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने मंगलवार को कई जगहों पर छापेमारी की है।
तिहाड़ जेल में सजा काट रहा यासीन मलिक : एसआईए की टीम ने श्रीनगर में आठ ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के पूर्व प्रमुख यासीन मलिक का घर भी शामिल है, जो वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
कौन थीं सरला भट्ट? : 27 वर्षीय सरला भट्ट, अनंतनाग जिले की रहने वाली एक कश्मीरी पंडित थीं, जो श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) में नर्स के रूप में कार्यरत थीं। 1990 में जब कश्मीर घाटी में आतंकवाद अपने चरम पर था। JKLF ने कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने या सरकारी नौकरियां त्यागने का फरमान जारी किया था।
आतंकियों हॉस्टल से ही कर लिया था किडनैप : तब सरला भट्ट ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया और अपनी ड्यूटी पर डटी रहीं। 18 अप्रैल 1990 को JKLF के आतंकियों ने उन्हें SKIMS के हब्बा खातून हॉस्टल से किडनैप कर लिया था। अगले दिन 19 अप्रैल, 1990 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनका क्षत-विक्षत शव उमर कॉलोनी, मल्ला बाग, श्रीनगर में मिला था। मृतक महिला के साथ गैंगरेप भी किया गया था। शव के पास से एक नोट भी मिला था, जिसमें उन्हें पुलिस का मुखबिर बताया गया था। जांचकर्ताओं के अनुसार, सरला को पहले यातना दी गई, गैंगरेप किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई।
कश्मीरी पंडितों के खिलाफ टारगेट किलिंग : यह हत्याकांड कश्मीरी पंडितों के खिलाफ टारगेट किलिंग का हिस्सा था, जिसने 1990 में उनके सामूहिक पलायन को बढ़ावा दिया था। उस समय नीगीन पुलिस स्टेशन में FIR (नंबर 56/1990) दर्ज की गई थी, लेकिन आतंकवाद के माहौल, गवाहों की डर और पुलिस की सीमित क्षमता के कारण जांच आगे नहीं बढ़ सकी। साल 2023 में लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा प्रशासन ने 1990 के दशक के अनसुलझे आतंकी मामलों को फिर से खोलने का फैसला किया, जिसके तहत सरला भट्ट का मामला SIA को सौंपा गया है। इसी मामले में आज यासीन मलिक समेत कई ठिकानों पर छापेमारी हुई है।