नई दिल्ली : अविभाजित सोवियत संघ में जासूसी उपन्यासों के लेखक के घर में पैदा हुए, पांच भाषाओं के जानकार व टेबल टेनिस खेलने के शौकीन हैं। कजाकिस्तान में पहले उप विदेश मंत्री, फिर प्रधानमंत्री और अब राष्ट्रपति के ओहदे पर पहुंचे तोकायेव 70 फीसदी मुस्लिमों के देश में बुर्के पर प्रतिबंध लगाकर आलोचकों और प्रशंसकों, दोनों की ही चर्चाओं के केंद्र बन गए हैं।
वर्ष 1991 में सोवियत संघ से मिली आजादी के बाद नूरसुल्तान नजरबायेव कजाकिस्तान के पहले राष्ट्रपति बने, लेकिन उन्हें भरोसेमंद और कुशल सहयोगी की जरूरत थी, जो कूटनीति में दक्ष हो, खासकर रूस और चीन के बीच सामंजस्य बिठाते हुए इस नए देश की साख को मजबूत कर सके। करीब एक साल की खोजबीन के बाद नूरसुल्तान को न केवल विदेश नीति का कुशल रणनीतिकार, बल्कि अपना उत्तराधिकारी भी मिल गया। उसका नाम था कासिम-जोमार्ट तोकायेव, जो वर्तमान में कजाकिस्तान के राष्ट्रपति हैं।
राजनीति में आधुनिकीकरण और समानता के पक्षधर तोकायेव हाल ही में कजाकिस्तान में बुर्के पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले को लेकर चर्चा में हैं। इस क्रांतिकारी कदम के लिए जहां उन्हें कट्टरपंथी मुस्लिमों की आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं, वहीं करीब सत्तर फीसदी मुस्लिम आबादी वाले देश में पर्दा प्रथा को खत्म कर महिलाओं को सम्मान से जीने देने की उनकी इस पहल की पूरे विश्व में वाहवाही भी हो रही है। उन्होंने 2023 में स्कूलों में भी कुछ इसी तरह का प्रतिबंध लगाया था। वह संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में महानिदेशक जैसा अहम पद भी संभाल चुके हैं। लंबा प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव रखने वाले 72 वर्षीय कासिम-जोमार्ट तोकायेव उत्तर में रूस और पूर्व में चीन जैसी पड़ोसी महाशक्तियों, तो अमेरिका समेत कई अहम पश्चिमी देशों के बीच संतुलन साधे हुए हैं।
लेखक के घर में जन्म : द्वितीय विश्व युद्ध के योद्धा और मशहूर कजाक लेखक केमेल तोकायेव और विदेशी भाषाओं की जानकार तुरार शबरबायेवा की बड़ी संतान के रूप में 17 मई, 1953 को कासिम-जोमार्ट तोकायेव का जन्म तत्कालीन सोवियत संघ के शहर अल्मा-अता (अब अल्माटी, कजाकिस्तान) में हुआ था। पिता केमेल ने कजाक साहित्य में साहसिक और जासूसी शैलियों की नींव रखी और सोवियत संघ में एक नामचीन लेखक बन गए। उनकी कुछ विख्यात रचनाओं में ‘द सोल्जर वेंट टू वार’, ‘द मिस्टीरियस ट्रेल’ और ‘टस्किन’ आदि शामिल हैं। मां तुरार अल्मा-अता इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन लैंग्वेजेज में काम करती थीं। कासिम तोकायेव की एक छोटी बहन भी है।
कासिम मॉस्को स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस (एमजीआईएमओ) से स्नातक हैं। उन्होंने चीन में सोवियत दूतावास और बीजिंग भाषाई संस्थान में इंटर्नशिप भी किया है। इसके अलावा, उन्होंने रूसी संघ के डिप्लोमेटिक एकेडमी ऑफ द मिनिस्ट्री ऑफ फॉरेन अफेयर्स से भी स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। तोकायेव ने 1980 में नादेज्दा से शादी की, जिनसे 2020 में तलाक हो गया। उनके इकलौते बेटे तिमूर (1984 में जन्म) जेनेवा में तेल उद्यमी के रूप काम करते हैं।
राष्ट्रपति तक का सफर : स्नातक करने के बाद कासिम तोकायेव 1975 में सोवियत विदेश मंत्रालय के सिंगापुर दूतावास में नियुक्त हुए। देश के पहले राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव ने 1992 में उनको उप विदेश मंत्री बनाया और दो साल बाद ही पूर्ण रूप से विदेश मंत्री का काम सौंप दिया। वह 1999 में उप प्रधानमंत्री, तो इसी वर्ष अक्टूबर में प्रधानमंत्री बन गए। 2011 में तोकायेव यूएन में महानिदेशक बने, जो महासचिव के बाद सबसे अहम ओहदा होता है। कजाकिस्तान के संविधान की बाध्यताओं के चलते 2019 में नूरसुल्तान ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर अपने सबसे चहेते तोकायेव को राष्ट्रपति पद की बागडोर सौंप दी। हालांकि, उन्हें राष्ट्रपति के रूप में पूरी ताकत 2022 में तब मिली, जब नूरसुल्तान ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख का पद छोड़ा।