नई दिल्ली : बशर अल असद के शासन की विदाई के बाद माना जा रहा था कि सीरिया में अब शांति आ जाएगी लेकिन यह सब छलावा साबित हुआ है. वहां की सत्ता पर काबिज हुए सुन्नी कट्टरपंथी अब ढूंढ-ढूंढकर असद के अलावी शिया समुदाय के लोगों को मार रहे हैं. जिससे वहां पर एक बार फिर नए सिरे से गृह युद्ध शुरू हो गया है. पिछले 2 दिनों से जारी शिया-सुन्नी झड़पों में अब तक 600 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. मरने वालों में करीब 500 लोग अलावी शिया हैं.
‘एसोसिएटेड प्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया की नयी सरकार के प्रति वफादार सुन्नी मुस्लिम बंदूकधारियों ने असद के अल्पसंख्यक अलावी समुदाय के लोगों की हत्या कर रहे हैं. बंदूकधारियों के ग्रुप अलावी गांवों और कस्बों में घूम रहे हैं. इस दौरान सड़कों पर दिखने वाले अलावी पुरुषों को देखते ही गोली मारी जा रही है. वहीं घर खुलवाकर भी अलावी शिया पुरुषों को मौत के घाट उतारा जा रहा है. उन्हें एक तरह से असद सरकार का समर्थन करने की सजा दी जा रही है. इसके बाद अपनी जान बचाने के लिए अब अलावी शियाओं और बशर अल-असद के बाकी समर्थकों ने भी हथियार उठा लिए हैं.
सीरिया में हालिया झड़पें तब शुरू हुईं, जब कट्टरपंथी सुन्नी सरकार के अधीनस्थ सुरक्षा बलों ने गुरुवार को तटीय शहर जबलेह के पास एक वांछित व्यक्ति को हिरासत में लेने की कोशिश की. इस दौरान असद के वफादारों ने उन पर घात लगाकर हमला कर दिया. जिसके बाद से दोनों के बीच झड़पें जारी हैं. सीरिया में 14 साल पहले हुए संघर्ष के बाद से यह हिंसा की सबसे घातक घटनाओं में से एक है.
इसे हयात तहरीर अल-शाम के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. इसी इसी धड़े के नेतृत्व में विद्रोही समूहों ने असद के शासन का तख्तापलट करके 3 महीने पहले सीरिया की सत्ता पर कब्जा कर लिया था. उसके बाद से माना जा रहा था कि वह जैसा चाहेगा, करेगा लेकिन ताजा बृहस्पतिवार को शुरू हुई यह झड़प दमिश्क की नयी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है.
सीरिया की नई कट्टरपंथी सरकार ने कहा कि वे असद के समर्थकों की ओर से किए गए हमलों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने बड़े पैमाने पर हुई इस हिंसा के लिए ‘अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा की गई कार्रवाइयों को जिम्मेदार ठहराया.
ब्रिटेन स्थित ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने बताया कि इस झड़प में अब तक 428 अलावी मारे गए हैं. इनके अलावा असद समर्थक 120 लड़ाके और सुरक्षा बल के 89 जवान मारे गए हैं. संस्था के प्रमुख रामी अब्दुररहमान ने बताया कि अलावी समर्थकों के हाथ उठाने के बाद सीरिया सरकार की ओर से बदला स्वरूप की जा रही हत्याएं शनिवार तड़के रुक गईं. फिलहाल सरकार ने इस बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है.