पाकिस्तान : ऑपरेशन सिंदूर के बाद किराना हिल्स के ऊपर अमेरिकी जेट, परमाणु बमों में शायद विस्फोट?

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नई दिल्ली : एक बहुत मशहूर कथन है- A lie can travel half way around the world, while the truth is putting on its shoes’. इसका मतलब है कि जब तक सच अपने जूते पहन रहा होता है, तब तक झूठ आधी दुनिया का चक्कर काट चुका होता है. इस समय पाकिस्तान की किराना हिल्स में न्यूक्लियर रेडिएशन लीक को लेकर बड़े-बड़े दावे हो रहे हैं और अमेरिका के एक सीक्रेट विमान का कनेक्शन भी पाकिस्तान से जोड़ा जा रहा है.

किराना हिल्स पाकिस्तानी पंजाब के सरगोधा में है. ये माउंटेन रेंज पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय के कब्जे में है, जहां किराना हिल्स में परमाणु हथियार रखे जाते हैं. ये पाकिस्तान का एक ओपन सीक्रेट है, यानी सबको इसके बारे में पता है. यहां तक कि अमेरिका की सरकार भी ये बात जानती है. अफवाहों के बीच किराना हिल्स से करीब साढ़े 11 हजार किलोमीटर दूर अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में एक ऐसा सवाल पूछा गया, जिसने किराना को पूरी दुनिया का हॉटस्पॉट बना दिया.

अमेरिका ने क्या कहा? : अमेरिका के विदेश विभाग की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, जिसमें एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि क्या अमेरिका ने अपनी कोई टीम न्यूक्लियर रेडिएशन की जांच के लिये इस्लामाबाद या पाकिस्तान भेजी है. ये सवाल सुनते ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सिर्फ 2 सेकंड का एक फटाफट जवाब दिया, जिसे सुनते ही किराना हिल्स को लेकर दुनिया की दिलचस्पी और बढ़ गई है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘ऐसा कुछ नहीं जिसकी जांच की जा सके’. वो सीधे-सीधे मना भी कर सकते थे और इस बयान से ऐसा लग रहा है कि मानो अमेरिका जानबूझकर कुछ छिपाने की कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान पहुंचा अमेरिकी विमान? : सोशल मीडिया पर अमेरिका के एक विमान की चर्चा है, जिसका पूरा नाम है बीच-क्राफ्ट किंग एयर 350 है. इसे बी-350 भी कहा जाता है. ऐसे दावे किये जा रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिका का ये विमान पाकिस्तान पहुंच गया है.  आपको बता दें कि अमेरिका का नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन और डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी मिलकर न्यूक्लियर इमरजेंसी के हालात में एक B-350 विमान का इस्तेमाल करते हैं.

विमान की खासियतें :

  • इस छोटे विमान में ऐसे सेंसर लगे होते हैं, जो हवा और जमीन में मौजूद रेडियोएक्टिव पदार्थ का पता लगा सकते हैं और उनकी रीडिंग रिकॉर्ड भी कर सकते हैं.
  • यह विमान किसी परमाणु ठिकाने के ऊपर आसमान में उड़ान भरकर उसकी जांच कर सकता है, ताकि यह तय किया जा सके कि वहां पर मौजूद परमाणु बम या परमाणु सामग्री सुरक्षित है.
  • जापान के फुकुशिमा में न्यूक्लियर रेडिएशन फैलने के बाद इस विमान का इस्तेमाल हो चुका है.

इसका मतलब है कि अगर किराना हिल्स में किसी तरह का रेडिएशन लीक हो रहा है और ये विमान वहां जांच करके लीक की जानकारी दे सकता है. इसी बीच, ये दावा भी किया जा रहा है कि अमेरिका का ये विमान किराना हिल्स के आसमान में चक्कर लगा रहा है. हालांकि हम इस खबर की पुष्टि नहीं कर सकते क्योंकि ये सब पाकिस्तान से आ रही अपुष्ट खबरों का हिस्सा है और पाकिस्तान इसके बारे में कुछ भी नहीं बता रहा.

किराना हिल्स : किराना हिल्स को लेकर हो रही चर्चा में तीन नाम लिए जा रहे हैं. पहला भारत, दूसरा अमेरिका और तीसरा पाकिस्तान. भारतीय वायुसेना पहले ही किराना हिल्स पर बमबारी करने से इनकार कर चुकी है, जबकि अमेरिका कुछ बताना नहीं चाह रहा है. यानी अब इस पहाड़ी का रहस्य सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान बता सकता है. हालांकि पाकिस्तान की सरकार ने अब तक आधिकारिक तौर पर इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. सोशल मीडिया पर एक अफवाह ये भी चल रही है कि किराना हिल्स के नीचे परमाणु धमाका हो चुका है. मतलब ये दावा है कि यहां नीचे रखे परमाणु बमों में शायद विस्फोट हो चुका है.

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