हरियाणा : किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत धरने पर वीरवार को ज्यादा बिगड़ गई। पिछले दो दिन से डल्लेवाल मंच पर भाषण देने में भी असमर्थ थे। इसके चलते तंबू में ही डल्लेवाल के स्वास्थ्य की देखभाल की जा रही थी। वीरवार को दोपहर के समय डल्लेवाल की तबीयत गंभीर हो गई और वह बेहोश हो गए। इसके बाद उनको तीन से चार उल्टियां भी लगी।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 24 दिन से अनशन पर बैठे हैं। प्रतिदिन चिकित्सक उनके स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं, हालांकि शरीर का तापमान पिछले कई दिनों से स्थिर बना हुआ था। बीपी, शुगर, प्लस की प्रतिदिन चिकित्सक जांच कर रहे हैं। अनशन पर होने के कारण शरीर लगातार कमजोर हो रहा था।
पिछले एक सप्ताह पहले वजन भी 11 किलोग्राम कम हुआ था। डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जाहिर कर चुका है, लेकिन वह एमएसपी की मांग को लेकर अनशन पर अडिग है। इसको लेकर केंद्र सरकार द्वारा भी कमेटी बनाई गई है। 18 दिसंबर को कमेटी व किसान संगठनों की बातचीत होनी थी, लेकिन किसान संगठन इसमें शामिल नहीं हुए।
धरने पर डल्लेवाल के स्वास्थ्य के खराब होने की सूचना पर पंजाब की तरफ से किसानों के ज्यादा संख्या में एकजूट होने की सूचना मिली है। डल्लेवाल उल्टियां आने के बाद दस मिनट तक बेहोश रहे। इसके बाद मौजूद चिकित्सकों पर किसान नेताओं ने उनकी संभाल की तो होश आया। फिलहाल डल्लेवाल की हालात स्थिर बनी हुई है।
सोनीपत से खनौरी बॉर्डर रवाना हुआ किसानों का जत्था : भारतीय किसान पंचायत का एक जत्था वीरवार को खनौरी बॉर्डर के लिए रवाना हुआ। किसान नेता छतर सिंह जाहरी के नेतृत्व में सोनीपत रेलवे स्टेशन पहुंचे किसानों ने ट्रेन में सवार होने से पहले किसान-मजदूर एकता जिंदाबाद के नारे लगाए। किसान खनौरी बॉर्डर पर पहुंच किसान नेता जगजीत सिंह की डल्लेवाल के बेहतर स्वास्थ्य की कामना करेंगे।
छतर सिंह जाहरी ने बताया कि किसानों को फसल पर एमएसपी की गारंटी कानून के लिए 24 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत बिगड़ गई है। वीरवार सुबह वह अचानक बेहोश हो गए थे। जिसे देखते हुए सोनीपत से उनकी अध्यक्षता में भारतीय किसान पंचायत का एक जत्था खनौरी बॉर्डर के लिए रवाना हुआ है। वहां पहुंचने के बाद शुक्रवार सुबह खनौरी बाॅर्डर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य की कामना करेंगे और 24 घंटे के लिए खाने का अनशन करेंगे।
छतर सिंह जाहरी ने बताया कि किसानों की मुख्य तीन मांगे हैं, जिसमें पहली एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए। दूसरी मजदूर किसानों का कर्ज़ माफ किया जाए और तीसरी मांग लखीमपुर खिरी में शहीद चार किसान व एक पत्रकार को न्याय और अन्य मांगे जब तक पूरी नहीं होती, तब तक मजदूर किसान अपनी मांगों के लिए आंदोलन जारी रखेंगे। जत्थे में बड़ी संख्या में किसान शामिल रहे।