त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग : ब्रह्मगिरी की तलहटी में त्रिदेव के रूप में विराजमान हैं महादेव, विष्णु-ब्रह्मा की होती है पूजा

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नई दिल्ली : सावन में महादेव को प्रसन्न करने के लिए कई श्रद्धालु देश में स्थित सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का प्लान बनाते हैं. हालांकि हर ज्योतिर्लिंग का अलग महत्व और पौराणिक इतिहास है. एक ऐसा ज्योतिर्लिंग जहां सिर्फ महादेव की नहीं बल्कि भगवान विष्णु और ब्रह्मा की पूजा भी होती है.

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग कहां हैं? : महादेव का त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है. यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और रहस्यमयी है. यह पवित्र मंदिर गोदावरी नदी के उद्गम स्थल के पास ब्रह्मगिरि पर्वत की तलहटी में स्थित है, जो इसे और भी अधिक पवित्र बनाता है.

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कैसे हुई? : महादेव के इस अनोखे त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति का रहस्य भक्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. दरअसल पौराणिक कथाओं में बताया जाता है कि प्राचीन काल में ब्रह्मगिरि पर्वत पर गौतम ऋषि अपनी पत्नी अहिल्या के साथ निवास करते थे. हालांकि कई ऋषि गौतम ऋषि से ईर्ष्या करते थे. इसके चलते उन्होंने एक षड्यंत्र के जरिए गौतम ऋषि पर गौ हत्या का आरोप लगाया.

वहीं इस पाप से निदान के लिए ऋषियों ने मां गंगा को धरती पर लाने की सलाह दी. इसके बाद गौतम ऋषि ने महादेव की घोर तपस्या करके उनसे वरदान मांगा कि वे गंगा नदी को इस स्थान पर प्रवाहित करें. हालांकि देवी गंगा ने यह शर्त रखी कि वे तभी यहां आएंगी जब भगवान शिव भी उनके साथ इसी स्थान पर निवास करेंगे. इसके बाद महादेव शिवलिंग में रूप ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों के साथ यहां बस गए. इसलिए इस ज्योतिर्लिंग का नाम त्र्यंबकेश्वर पड़ा.

आस- पास घूमने की जगहें : सावन में महादेव के पवित्र त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद आप यहां उनसे जुड़ी कई जगहें घूम सकते हैं. साथ ही यहां का आस पास कई प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर जगहें भी मौजूद हैं.

ब्रह्मगिरि पर्वत : यह वही पर्वत है जहां से गोदावरी नदी का उद्गम होता है. यहां पर आप ट्रेकिंग का भी अनुभव ले सकते हैं. साथ ही आप यहां गोदावरी के उद्गम स्थल यानी गंगाद्वार के दर्शन कर सकते हैं.

कुशावर्त कुंड : मंदिर से थोड़ी दूरी पर कुशावर्त कुंड स्थित है. यह एक पवित्र कुंड है. बताया जाता है कि गौतम ऋषि ने यहां गंगा को प्रकट करने के लिए प्रार्थना की थी.

अंजनेरी हिल्स : त्र्यंबकेश्वर से कुछ किमी की दूरी पर स्थिति अंजनेरी हिल्स को भगवान हनुमान की जन्मस्थली माना जाता है. इस पहाड़ी को ट्रेकिंग के लिए भी अच्छा माना जाता है. साथ ही यहां अंजनी माता का मंदिर भी है.

इसके साथ ही आप यहां आस पास में पंचवटी, सप्तश्रृंगी देवी मंदिर, रामकुंड, कपालेश्वर महादेव मंदिर और गंगा गोदावरी मंदिर सहित कई जगहें घूम सकते हैं. (साभार: Zन्यूज़)

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