मालदीव : 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि रहे पीएम मोदी, राष्ट्रपति मुइज्जू ने जताया आभार

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नई दिल्ली/माले : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया। समारोह के मुख्य अतिथि पीएम नरेंद्र मोदी का मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने गर्मजोशी से स्वागत किया और आभार जताया। मालदीव की राजधानी माले में रिपब्लिक स्क्वायर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने मुइज्जू के साथ मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित 50 मिनट से अधिक समय के कार्यक्रम को देखा। समारोह में सैन्य परेड और बच्चों एवं पारंपरिक कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।

समारोह के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि सभी मालदीव वासियों की ओर से मैं प्रधानमंत्री मोदी को इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक अवसर पर मालदीव आने के मेरे निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद देता हूं। पीएम मोदी एक अद्भुत व्यक्ति हैं जो भारत के पड़ोसियों के बीच संबंध बनाने के बहुत शौकीन हैं। मालदीव और भारत के बीच सदियों पुराने बहुत अच्छे संबंध हैं और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आने वाले दिनों में दोनों सरकारों के बीच सहयोग और भी समृद्ध होगा।

इस साल भारत आने की अपनी योजना के बारे में  मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि ऐसा होगा। मुझे नहीं पता कि इस साल होगा या नहीं, लेकिन शायद निकट भविष्य में। हम सभी ने देखा है कि भारत ने अतीत में मालदीव की कैसे मदद की है,और इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होगा कि आगे चलकर भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण साझेदार होगा।

मत्स्य पालन समझौते पर किए हस्ताक्षर : इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे पर भारत और मालदीव ने मत्स्य पालन सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे मालदीव को अपनी मछली प्रसंस्करण क्षमताओं को बढ़ाने और टिकाऊ टूना मछली पकड़ने को मजबूत करने में मदद मिलेगी। साथ ही भारत को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र में गहरे समुद्र में मत्स्य पालन संसाधनों तक बेहतर पहुंच प्रदान होगी।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि भारत के मत्स्य विभाग और मालदीव के मत्स्य एवं महासागर संसाधन मंत्रालय के बीच समझौते का उद्देश्य टिकाऊ टूना और गहरे समुद्र में मत्स्य पालन को बढ़ावा देना, जलीय कृषि और संसाधन प्रबंधन को मजबूत करना और मत्स्य पालन आधारित इको-पर्यटन को बढ़ावा देना है। साझेदारी के तहत मालदीव शीत भंडारण अवसंरचना में निवेश करके तथा हैचरी विकास, बेहतर उत्पादन दक्षता और संवर्धित प्रजातियों के विविधीकरण के माध्यम से जलीय कृषि को मजबूत करके मछली प्रसंस्करण क्षमताओं को बढ़ाएगा। यह सहयोग दोनों देशों की अधिक लचीले और टिकाऊ मत्स्य उद्योग के निर्माण के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

दोनों देशों के बीच साझेदारी के नए आयाम : गौरतलब है कि पीएम मोदी के इस दो दिवसीय दौरे के दौरान भारत और मालदीव के बीच कई अहम समझौते हुए। इनमें व्यापार, कृषि, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण से जुड़ी पहलें शामिल हैं, जो मालदीव के विकास को नई रफ्तार देंगी। साथ ही दोनों पक्षों ने यूपीआई, रुपे कार्ड और स्थानीय मुद्रा में व्यापार की शुरुआत का स्वागत किया। प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट और द्विपक्षीय निवेश संधि पर भी चर्चा हुई, जिससे व्यापार के नए रास्ते खुलेंगे। साथ ही बैठक में मछली पालन, मौसम विज्ञान, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, फार्माकोपिया और 4850 करोड़ रुपये की नई क्रेडिट लाइन सहित कुल 6 समझौते हुए। इससे मालदीव का सालाना कर्ज भुगतान 40% कम हुआ है।

तनाव कम हुआ : पीएम मोदी की मालदीव यात्रा को तनाव के बाद द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। संबंधों में नई प्रगाढ़ता इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मुइज्जू नवंबर 2023 में इंडिया आउट अभियान के बल पर सत्ता में आए थे।  शुक्रवार को मुइज्जू के साथ अपनी वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है और यह दोस्ती हमेशा बेहतर रहेगी।

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