मालदीव : PM मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने वाले दो मंत्री निलंबित, बदल गए भारत विरोधी मुइज्जू?

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नई दिल्ली : मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार ने मंगलवार (10 सितंबर) को बताया कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. मोहम्मद मुइज्जू ने इसी साल जनवरी में पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने वाले अपने तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया था. मंत्रियों के इस्तीफे की जानकारी ऐसे समय में आई है, जब मोहम्मद मुइज्जू जल्द ही नई दिल्ली के दौरे पर आने वाले हैं.

रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, युवा सशक्तिकरण, सूचना और कला मंत्रालय से मालशा शरीफ और मरियम शिउना, साथी मंत्री अब्दुल्ला महज़ूम मजीद के साथ, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम मोदी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद जनवरी में निलंबित कर दिए गए थे. हालांकि, राष्ट्रपति की यात्रा की घोषणा करने से पहले इस्तीफों का आना ये संकेत है कि मुइज्जू सरकार भारत से रिश्ते बनाने को लेकर गंभीर है.

PM मोदी के खिलाफ की थी टिप्पणी : इस्तीफा देने वाले मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की आलोचना की थी. पीएम मोदी ने भारतीय क्षेत्र लक्षद्वीप का दौरा कर पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने वाले स्थल के रूप में इसकी सराहना की थी. इसके बाद मालदीव के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी को “जोकर”, “आतंकवादी” और “इज़राइल की कठपुतली” था. इस टिप्पणी से भारत नाराज़ हो गया, जिसके कारण भारतीय हस्तियों ने स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाया था.

‘मुइज्जू जल्द ही आएंगे भारत’ : स्थानीय मीडिया ने बताया कि मुइज्जू जल्द ही भारत आने की योजना बना रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों के शामिल होने के बाद मुइज़्ज़ू की यह दूसरी यात्रा होगी. मुइज़्ज़ू ने निमंत्रण पर प्रसन्नता व्यक्त की थी और अपनी यात्रा को “सफल” बताया था. उन्होंने कहा था कि भारत के साथ मजबूत संबंध मालदीव के लिए समृद्धि को बढ़ावा देंगे.

भारत-मालदीव संबंधों में हो रहा सुधार : मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की चुनावी जीत और मालदीव में तैनात भारतीय रक्षा कर्मियों को बदलने की उनकी मांग के बाद मालदीव और भारत के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. जिसके बाद भारत ने मई में अपने सैनिक वापस बुला लिए थे. हालांकि, इसके बाद दोनों देशों के बीच हुई कूटनीतिक बातचीत के बाद संबंधों में सुधार हुआ है.

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