नई दिल्ली : दुनिया के 4 देशों में अंधेरा छा गया है. ये चारों देश यूरोप के हैं. जिसमें यूरोप की बड़ी इकोनॉमी में से एक फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल और बेल्जियम शामिल है. पॉवर ग्रिड फेल होने की वजह से चारों देशों में सभी काम ठप हो गए हैं. खास बात तो ये है कि बिजली गुल होने की वजह से यूरोप की 6 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की इकोनॉमी पूरी तरह से ठप हो गई है. जिसकी वजह से कई बिलियन डॉलर नुकसान होने का अनुमान है. जिससे हवाई सेवाओं से लेकर मेट्रो तक का संचालन प्रभावित हो गया.
दोपहर के समय मैड्रिड से लेकर लिस्बन तक बड़ी आबादी अंधेरे में डूब गई. इस आपात स्थिति से निपटने के लिए दोनों देशों ने तुरंत प्रोटोकॉल लागू कर दिए हैं. फिलहाल इसकी वजह की जांच की जा रही है. माना जा रहा है कि ये एक साइबर हमला भी हो सकता है.
स्पेन के नेशनल ग्रिड ऑपरेटर ‘रेड एलेक्ट्रिका’ ने बयान जारी कर बताया कि पूरे देश में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए सेक्टर कंपनियों के साथ मिलकर कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं, पुर्तगाल के ग्रिड ऑपरेटर ‘ई-रेडेस’ ने बताया कि यह संकट यूरोपीय पावर ग्रिड में आई समस्या के कारण उत्पन्न हुआ. शुरुआती जांच में वोल्टेज असंतुलन को मुख्य कारण माना जा रहा है, जिससे बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई.
ब्लैकआउट से सब ठप : ब्लैकआउट के कारण ट्रैफिक लाइट्स बंद हो गईं और मेट्रो सेवाएं थम गईं, जिससे सड़कों पर अव्यवस्था फैल गई. अस्पतालों में बैकअप जनरेटर के सहारे जरूरी सेवाओं को चलाया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों ने अस्पताल स्टाफ से कंप्यूटर बंद करने और बिजली की बचत के अन्य उपाय अपनाने के निर्देश दिए हैं. फिलहाल, यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह संकट कितनी देर तक जारी रहेगा. स्पेन में स्थिति को संभालने के लिए संकट प्रबंधन समिति का गठन कर लिया गया है.
साइबर अटैक की भी आशंका : स्पेनिश अधिकारियों ने कहा है कि अब तक ब्लैकआउट के पीछे साइबर अटैक से इनकार नहीं किया जा सकता. इसकी गहन जांच की जा रही है. यूरोप में इससे पहले भी छोटी-छोटी तकनीकी गड़बड़ियों से बड़े ब्लैकआउट हुए हैं. साल 2003 में स्विट्जरलैंड में एक पेड़ से बिजली लाइन कटने के बाद पूरा इटली अंधेरे में डूब गया था. इसलिए इस बार भी तकनीकी समस्या या साइबर हमला दोनों ही संभावनाओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है.
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्पेनिश प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे आपात सेवाओं को अनावश्यक कॉल न करें, क्योंकि टेलीफोन सेंटर पहले ही कॉल्स से लदे हुए हैं. यूरोपीय आयोग ने सालों से देशों के बीच बेहतर ऊर्जा प्रणाली एकीकरण की जरूरत पर जोर दिया है, लेकिन प्रगति धीमी रही है. मौजूदा संकट ने एक बार फिर से इस दिशा में गंभीरता से यूरोप को सोचने के लिए मजबूर कर दिया.
काफी नुकसान का अनुमान : इन चारों देशों में पॉवर आउटेज की वजह से कई बिलियन डॉलर के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. अभी जानकारों पे किसी आंकड़े की पुष्टि नहीं की है. लेकिन एक बात तय है कि इस आउटेज की वजह से यूरोप की 6 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की इकोनॉमी पूरी तरह से रुक गई है. अगर बात फ्रांस की करें तो साल 2025 में आईएमएफ ने 3.21 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी होने का अनुमान लगाया है. वहीं स्पेन की इकोनॉमी 1.8 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है. जबकि बेल्जियम 685 बिलियन डॉलर और पुर्तगाल 321 बिलियन डॉलर की इकोनॉमी होने का अनुमान है. इस तरह से यूरोन की 6.016 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी ठप होने की बात कही जा रही है.