निमिषा प्रिया की मदद के लिए सरकार कर रही सभी प्रयास : विदेश मंत्रालय

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नई दिल्ली : यमन में फांसी की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया केस पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार निमिषा प्रिया की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया, ‘हमने कानूनी मदद उपलब्ध कराई है और उनके परिवार की सहायता के लिए एक वकील भी नियुक्त किया है। हम स्थानीय अधिकारियों और उनके परिवार के संपर्क में हैं ताकि इस मामले का कोई समाधान निकल सके।’

उन्होंने आगे कहा कि बीते कुछ दिनों में यह कोशिश की गई है कि पीड़ित परिवार को ज्यादा समय मिले ताकि वे दूसरी पार्टी के साथ कोई आपसी सहमति बना सकें। भारत सरकार इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है और आगे भी हर संभव मदद करती रहेगी। इसके अलावा सरकार इस विषय में कुछ दोस्त देशों से भी संपर्क में है।

रूसी तेल पर नाटो प्रमुख की टिप्पणी पर भारत की प्रतिक्रिया : वहीं नाटो महासचिव मार्क रुटे की उस टिप्पणी पर भी विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जो देश रूस से तेल खरीदते हैं, उन्हें सेकंडरी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। इस पर रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हमने इस विषय पर आई खबरें देखी हैं और सभी प्रगति पर करीब से नजर रख रहे हैं। मैं साफ कर दूं कि भारत के लोगों की ऊर्जा जरूरतें पूरी करना हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इस दिशा में हम बाजार में उपलब्ध विकल्पों और वैश्विक हालात को देखते हुए निर्णय लेते हैं।’

उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई दोहरा मापदंड नहीं अपनाया जाना चाहिए। बता दें कि, भारत रूस से तेल खरीदता रहा है, जो पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद जारी है। अब नाटो प्रमुख के बयान से एक नई बहस छिड़ गई है। इस पर भारत का रुख स्पष्ट है — अपने नागरिकों की सुरक्षा और ऊर्जा जरूरतें हमेशा प्राथमिकता रहेंगी।

भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर चर्चा जारी : इस दौरान भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘यह एक ऐसा मामला है जिस पर दोनों पक्षों के बीच चर्चा चल रही है। जब कोई बात अंतिम रूप ले लेगी, तो हम जानकारी साझा करेंगे।’

‘जनवरी से अब तक 1563 भारतीय अमेरिका से भेजे गए’ : वहीं विदेश मंत्रालय ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि, ‘इस साल 20 जनवरी से लेकर कल तक, लगभग 1563 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से वापस भेजा जा चुका है। इनमें से ज्यादातर भारतीय नागरिक व्यावसायिक उड़ानों से आए हैं’।

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