मुंबई हमला@26/11 : मुंबई आतंकी हमले के 16 साल बाद भी नहीं दबोचे गए 5 गुनहगार

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नई दिल्ली : मुंबई आतंकी हमले को भारत के इतिहास में सबसे भयावह आतंकवादी हमले के रूप में याद किया जाता है. 60 घंटे तक चले इस आतंकवादी हमले में 166 निर्दोष लोगों की जान गई और सैकड़ों घायल हुए. हमले में शामिल 10 आतंकियों में से 9 को सुरक्षा बलों ने मार गिराया, जबकि अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा गया.

हालांकि, यह हमला सिर्फ इन 10 आतंकियों का काम नहीं था. इसके पीछे पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआई के साजिशकर्ताओं की योजना थी, जो आज भी ज़िंदा हैं और पाकिस्तान में सुरक्षित हैं.

  1. हाफिज सईद : लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक और हमले का मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद था. हाफिज सईद पाकिस्तान में रहता है और कई बार हिरासत में लिया गया है, लेकिन अक्सर उसे रिहा कर दिया जाता है. उसे पाकिस्तान के अंदर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर रखा है.
  2. जकी-उर-रहमान लखवी : लखवी लश्कर-ए-तैयबा का संचालन प्रमुख और हमले की योजना बनाने वालों में से एक था. उसे पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 2015 में जमानत पर रिहा कर दिया गया. वह अब भी पाकिस्तान में खुला घूम रहा है. उसने आतंकवादियों को हमले के लिए प्रशिक्षित किया और उनकी निगरानी की.
  3. डेविड कोलमैन हेडली (दाऊद गिलानी) : हेडली अमेरिका में रहने वाला पाकिस्तानी मूल का शख्स है, जिसने हमले के लिए खुफिया जानकारी जुटाई और मुंबई के ठिकानों की रेकी की. वह अमेरिका के जेल में बंद है. उसे 35 साल की सजा सुनाई गई है, लेकिन भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग की है. उसने हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआई के बीच तालमेल बिठाया था.
  4. सज्जाद मीर (माजिद मीर) : माजिद मीर लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर हुआ करता था, जिसने हमले के दौरान आतंकवादियों को निर्देश दिए. माना जाता है कि वह पाकिस्तान में छिपा हुआ है. भारत ने उसके खिलाफ कई बार कार्रवाई की मांग की है. मीर का नाम अमेरिका और भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है.
  5. अबू जिंदाल (सैयद जबीउद्दीन अंसारी) : जिंदाल मुंबई हमले के दौरान आतंकवादियों को पाकिस्तान के कंट्रोल रूम से इंस्ट्रक्शन दिया करता था. अबू जिंदाल को 2012 में सऊदी अरब से भारत लाया गया. वह तब से भारतीय जेल में बंद है. उसने आतंकवादियों को हिंदी सिखाई ताकि वे भारतीय नागरिकों के साथ घुल-मिल सकें.

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