मुंबई : महाराष्ट्र के मुंबई हमले का बड़ा गुनहगार तहव्वुर राणा 17 साल बाद अमेरिका से भारत लाया जा रहा है. उसी दरिंदे ने आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट दिलवाने के साथ ही फंडिंग भी उपलब्ध करवाई थी. जिसके बाद समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे 10 आतंकियों के समूहों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर 166 लोगों को मार दिया था. अब तहव्वुर राणा के भारत लाए जाने की खबर सुनने के बाद उनके दिल के घाव एक बार फिर हरे हो गए हैं. उन्होंने उस आतंकी को फांसी की सजा देने की मांग की है.
‘आतंकी राणा को दी जाए फांसी’ : ऐसे ही एक शहीद के पिता सुभाष शिंदे हैं. उनका बेटा राहुल शिंदे SRPF में सिपाही था, जब आतंकियों के हमले का सामना करते हुए उसने जान गंवाई थी. राणा के भारत लाए जाने की जानकारी मिलने के बाद सुभाष शिंदे भावुक होने के साथ ही बहुत गुस्से में भी हैं. उन्होंने तहव्वुर राणा के लिए मृत्युदंड की मांग की.
शहीद एसआरपीएफ कांस्टेबल राहुल शिंदे के पिता ने कहा कि हमले के सभी दोषियों को कड़ी सजा देना हमले में मारे गए पुलिस अधिकारियों और नागरिकों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
फांसी पर लटका दे सरकार- शहीद के पिता : सुभाष शिंदे ने कहा, ‘इस हमले में बहुत से लोग मारे गए थे और इस हमले को लेकर आज भी मैं सिहर जाता हूं, जबकि घटना को 16 साल से अधिक का समय हो चुका है. चूंकि अब आतंकवादी हमले में राणा की भूमिका सामने आ चुकी है, इसलिए हमें उसे जेल में जिंदा रखकर नहीं छोड़ना चाहिए. उसे बिरयानी खिलाने के बजाय फांसी पर लटका देना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि इस घटना में पाकिस्तान की भूमिका भी सामने आई है और दुनिया ने ये सारी बातें देखी हैं. इसलिए इस साजिश में शामिल सभी लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए.
‘आतंकी हमले की तस्वीरें दिखती हैं’ : सुभाष शिंदे ने कहा, ‘जब भी मैं इस हमले के बारे में बात करता हूं, तो मुझे आतंकवादी हमले की भयावह तस्वीरें नजर आती हैं. हमें जो क्षति हुई है, हमारे पुलिसकर्मियों, सैनिकों और नागरिकों की जान गई है, उसे भुलाया नहीं जा सकता.’
उन्होंने कहा कि पूरी साजिश का पर्दाफाश करना और हमले के सभी दोषियों को दंडित करना हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारियों और नागरिकों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगा. आतंकवादी हमले में घायल हुए एक अन्य पुलिसकर्मी ने कहा कि अधिकारियों को राणा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
सुभाष शिंदे महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में रहते हैं, जहां वह खेती करते हैं. माधा तालुका में उनके गांव सुल्तानपुर का नाम बदलकर उनके बेटे के नाम पर राहुल नगर रख दिया गया है. उनके दूसरे बेटे प्रवीण की एलपीजी एजेंसी है, जो उन्हें सरकार द्वारा दी गई थी.
बहादुरी से किया था आतंकियों का सामना : कांस्टेबल राहुल शिंदे दक्षिण मुंबई में ताज महल पैलेस होटल पर आतंकवादियों के हमले के बाद वहां घुसने वाले पहले पुलिसकर्मियों में से एक थे. आतंकवादियों से लड़ते हुए वे शहीद हो गए थे.
बताते चलें कि कुछ समय पहले अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद भारत प्रत्यर्पित किए जाने का रास्ता साफ हो गया था. तहव्वुर राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है, जो 26 नवंबर 2008 (26/11) हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है.
हमले में 166 लोगों ने गंवाई थी जान : आतंकवादियों ने मुंबई में कई प्रतिष्ठित स्थानों को निशाना बनाया था, जिनमें होटल ताजमहल और ओबेरॉय होटल, लियोपोल्ड कैफे, चाबड हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (रेलवे स्टेशन) शामिल थे. हेडली ने हमलों से पहले इनमें से प्रत्येक स्थान की टोह ली थी. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिसमें भारतीयों के साथ ही अमेरिकी, ब्रिटिश और इजराइली नागरिक भी शामिल थे.