महाराष्ट्र : धार्मिक पुस्तक जलाने की अफवाह के बाद फैला तनाव, आमने-सामने आए दो गुट

Nagpur-Clash

नागपुर : महाराष्ट्र में इन दिनों औरंगजेब की मजार को लेकर सियासी तपिश चरम पर है, अति तो तब हो गई जब सोमवार दोपहर नागपुर में फैली एक अफवाह से उठी चिंगारी शाम होते-होते हिंसक दंगों में बदल गई। इन दंगों ने नागपुर के कई इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में चार लोग घायल हो गए हैं, इतना ही नहीं 40 गाड़ियां फूंक दी गई हैं।

हिंसा की शुरुआत औरंगजेब के मकबरे को हटाने को लेकर बजरंग दल के प्रदर्शन के दौरान कुरान जलाने की अफवाह से हुई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। दोपहर बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास प्रदर्शन किया। इसी दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में दावा किया गया कि प्रदर्शन के दौरान कुरान जलाई गई। इससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में रोष फैल गया और वे महल, कोतवाली, गणेशपेठ और चितनवीस पार्क क्षेत्र में इकट्ठा होने लगे।

पुलिस के अनुसार, चितनवीस पार्क से शुक्रवारी तालाब रोड क्षेत्र में जहां दंगाइयों ने 40 चार पहिया वाहनों में आग लगा दी और निवासियों के घरों पर पथराव किया। पुलिस ने हजारों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल बुलाया। शाम तक हिंसा की खबरें कोतवाली और गणेशपेठ से भी आईं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी), दंगा नियंत्रण पुलिस और एसआरपीएफ की तैनाती की गई है। गणेशपेठ थाने में कुरान जलाने की शिकायत दर्ज की गई। हालांकि, बजरंग दल के पदाधिकारियों ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ औरंगजेब का पुतला जलाया था। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने शहर में प्रतिबंधात्मक धारा 144 लागू कर दी है और सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है। प्रशासन ने शांति बहाली के लिए स्थानीय नेताओं और धार्मिक नेताओं से अपील की है।

यह घटना उस माहौल में हुई है, जब बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठन औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। नागपुर पुलिस ने पहले ही संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी थी, लेकिन अफवाहों ने स्थिति को बिगाड़ दिया। प्रशासन ने हालात पर काबू पाने का दावा किया है, लेकिन शहर में तनाव बना हुआ है। पुलिस घटना की जांच कर रही है और दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं।

हिंसा के बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि नागपुर के महाल इलाके में पथराव और तनावपूर्ण स्थिति के बाद पुलिस प्रशासन स्थिति को संभाल रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपील की है कि नागरिक इस स्थिति में प्रशासन का पूरा सहयोग करें। हम लगातार पुलिस प्रशासन के संपर्क में हैं और नागरिकों को उनका सहयोग करना चाहिए। नागपुर एक शांतिपूर्ण और सहयोगी शहर है।

यह नागपुर की स्थायी परंपरा रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपील की है कि किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें और प्रशासन को पूरा सहयोग दें। वहीं, सीएम खुद पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। दूसरी ओर नागपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री ने भी लोगों से शांति की अपील की है।

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