23 अगस्त को पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस, 2025 तक ISS पहुंचने का भारत ने रखा लक्ष्य

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नई दिल्ली : अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले वर्ष इसी दिन चंद्रयान-3 मिशन के दौरान चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर की सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग हुई थी। इस वर्ष के उत्सव का विषय चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा है। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित मुख्य समारोह का उद्घाटन करेंगी।

भारत ने चंद्रयान-3 मिशन से रचा था इतिहास : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, पिछले साल इसी दिन भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में चंद्रयान-3 उतारकर इतिहास रचा था। यह हमारा पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस है। यह न केवल जश्न मनाने का दिन है, बल्कि आत्मचिंतन और भविष्य की रूपरेखा तैयार करने का भी दिन है।

पिछले 3-4 वर्षों में हमने लगाई बड़ी छलांग : डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमने कार्यक्रम को इसी के अनुसार तैयार करने और इसे भविष्य की दृष्टि से अकादमिक दृष्टिकोण देने का प्रयास किया है। यह नागरिकों को अंतरिक्ष क्षेत्र में उपलब्धियों से अवगत कराने का भी अवसर है। एक तरह से यह ऐसा अवसर है जो हर नागरिक के दिल को छूता है। नई नीति आने और अंतरिक्ष क्षेत्र के उदारीकरण के साथ, हमने पिछले 3-4 वर्षों में इस क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाई है। जैसा कि वित्त मंत्री ने बजट में घोषणा की है, हम अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में 5 गुना वृद्धि करेंगे।

अप्रैल 2025 तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री ISS की करेगा यात्रा : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि नासा-इसरो सहयोगात्मक पहल के तहत अगले साल अप्रैल तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर उड़ान भर सकता है। दो भारतीय अंतरिक्ष यात्री-पदनामित ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और प्रशांत बालकृष्णन नायर, एक्सिओम स्पेस एक्स-4 मिशन के लिए अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसरो ने शुभांशु शुक्ला को एक्स-4 मिशन के लिए नियुक्त किया है, जबकि प्रशांत बालकृष्णन नायर बैकअप उम्मीदवार होंगे।

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