NEET बवाल के बाद  UGC NET परीक्षा रद्द, सीबीआई जांच का आदेश

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नई दिल्ली-TheXpozXpoz : देश के शिक्षा तंत्र में घुसा माफिया तंत्र युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहा है. मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ को लेकर उपजे विवाद के बीच, शिक्षा मंत्रालय ने बीती रात अचानक राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करते हुए मामले की सीबीआई जांच का आदेश दे दिया. शिक्षा मंत्रालय ने पटना में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET)-UF 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं के संबंध में बिहार पुलिस की इकोनॉमिक क्राइम यूनिट से रिपोर्ट मांगी है और कहा कि रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

शिक्षा मंत्रालय ने UGC-NET जून 2024 परीक्षा रद्द कर दी है. भारत सरकार ने ये फैसला परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता को कायम रखने के लिए लिया है. एक दिन पहले ही दो शिफ्ट में ये परीक्षा ली गई थी. NET की ये परीक्षा अब दोबारा आयोजित की जाएगी.

NTA में ही खामी है? : गौरतलब है कि NEET 2024 आयोजित कराने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी NTA  ने ही UGC नेट परीक्षा 2024 को भी 18 जून 2024 को देश के कई शहरों में दो शिफ्ट में पेन और पेपर मोड में आयोजित कराई गई थी, जिसे अब रद कर दिया गया है. UGC- NET जून 2024 की परीक्षा 18 जून को देशभर के 317 शहरों में 1205 परीक्षा केंद्रों पर कराई गई थी. जिसमें 11 लाख से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया था. UGC- NET परीक्षा के जरिये विश्वविद्यालय और कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की पात्रता तय की जाती है. इसी के आधार पर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति होती है. इस बार इस परीक्षा के जरिये UGC ने पीएचडी में दाखिला देने का फैसला लिया था.

इस बार बिहार रहा एपीसेंटर? : शिक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘यूजीसी को गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से परीक्षा के संबंध में कुछ सूचनाएं प्राप्त हुई थीं. इन सूचनाओं से प्रथम दृष्टया संकेत मिला है कि उक्त परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया.’

अधिकारी ने कहा, ‘परीक्षा प्रक्रिया में उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और शुचिता सुनिश्चित करने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि यूजीसी-नेट जून 2024 की परीक्षा रद्द कर दी जाए.’ परंपरा से हटकर, इस बार राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) एक ही दिन (18 जून) में ‘पेन और पेपर मोड’ में आयोजित की गई, जिसमें 11 लाख छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था.

यूजीसी-नेट परीक्षा के माध्यम से भारतीयों को जूनियर रिसर्च फेलोशिप, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और देश के विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में पीएचडी में प्रवेश के लिए पात्रता निर्धारित की जाती है. मंत्रालय का यह फैसला, मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ में कथित अनियमितताओं को लेकर उपजे बड़े विवाद के बीच आया है और यह मुद्दा अब उच्चतम न्यायालय में है.

बिहार जैसे राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने और इस प्रतिष्ठित परीक्षा में अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं. इन आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं और कई उच्च न्यायालयों के साथ-साथ उच्चतम न्यायालय में भी याचिकाएं दायर की गई हैं.

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘पटना में परीक्षा के आयोजन में कथित अनियमितताओं के संबंध में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी.’  

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