नई दिल्ली : न्यूजीलैंड की आव्रजन मंत्री एरिका स्टैनफोर्ड के भारतीय नागरिकों को लेकर एक बयान दिया है. एरिका ने कहा है कि वह भारतीयों के ईमेल का कभी जवाब नहीं देती हैं. अब वह अपने इस बयान को लेकर विवादों में घिर गई हैं और आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं. मिनिस्टर एरिका स्टैनफोर्ड ने हाल ही में संसद में गलत ईमेल भेजने से जुड़े एक सवाल का जवाब देने के दौरान भारतीय प्रवासियों का जिक्र किया और विवादित टिप्पणी की.
उन्होंने कहा था कि वह भारतीयों के ईमेल का ‘कभी जवाब नहीं देती’, क्योंकि वह उन्हें ‘स्पैम के समान’ मानती हैं. 6 मई को पार्लियामेंट्री सेशन के दौरान आधिकारिक पत्राचार के लिए अपने निजी जीमेल खाते के इस्तेमाल का बचाव करते हुए स्टैनफोर्ड ने कहा, ‘मुझे बहुत सारे अनचाहे ईमेल मिलते हैं, जैसे कि भारत में रहने वाले लोग आव्रजन संबंधी सलाह मांगते हैं, जिनका मैं कभी जवाब नहीं देती. मैं उन्हें स्पैम के समान मानती हूं.’
भारतीय मूल की लेबर सांसद प्रियंका राधाकृष्णन ने टिप्पणी को असंवेदनशील और भेदभावपूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की. इंडियन वीकेंडर से बात करते हुए राधाकृष्णन ने कहा,’ऐसी टिप्पणियां पूरे समुदाय के बारे में नकारात्मक रूढ़िवादिता को मजबूत करती हैं’ सांसद ने कहा कि किसी मंत्री द्वारा किसी विशिष्ट जातीय समूह को निशाना बनाना नाकाबिले कबूल है.
राधाकृष्णन ने इन सोशल मीडिया हैंडल फेसबुक पर एक पोस्ट में इन टिप्पणियों को ‘लापरवाही और पक्षपातपूर्ण’ करार दिया. उन्होंने कहा कि मंत्रियों को नियमित रूप से अनचाहे ईमेल मिलते हैं, इसलिए भारतीयों से आने वाले ईमेल को अलग से दिखाने का कोई वजह नहीं है. उन्होंने कहा, ‘खास तौर पर भारत के साथ न्यूजीलैंड के अहम रिश्तों को देखते हुए इस तरह की टिप्पणियां लोगों के पूरे समुदाय के खिलाफ नकारात्मक रूढ़ियों को मजबूत करने का काम करती हैं.’
एरिका स्टैनफोर्ड ने दी सफाई : हालांकि, आलोचनाओं के बीच एरिका स्टैनफोर्ड ने बाद में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनकी बात को गलत समझा गया. उन्होंने कहा कि, ‘मैंने यह नहीं कहा कि मैं उन्हें स्पैम मानती हूं. मैंने केवल इतना कहा कि मैं उन्हें स्पैम के समान ही मानती हूं.’ उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि यह उनके निजी ईमेल पर मिलने वाले अनचाहे ईमेल की को लेकर है, न कि विशेष रूप से भारतीयों के लिए. उन्होंने कहा, ‘इस मामले में मुझे जवाब देते समय हाल ही में प्राप्त इस तरह के ईमेल की याद आई.’
पीएम नरेंद्र मोदी न्यूजीलैंड के पीएम की मुलाकात : एरिका स्टैनफोर्ड 27 नवंबर, 2023 से न्यूजीलैंड के आव्रजन मंत्री के रूप में वर्किंग हैं. उन्होंने पीएम क्रिस्टोफर लक्सन के नेतृत्व में नेशनल अगुवाई वाली गठबंधन सरकार के गठन के बाद इस पद की जिम्मेदारी संभाली. क्रिस्टोफर लक्सन ने मार्च में भारत का दौरा किया और पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. उन्होंने व्यापार, रक्षा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
न्यूजीलैंड में 15,000 से ज्यादा भारतीय छात्र : दोनों देश एक मुक्त व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं जिसे वे 2025 के आखिर तक अंतिम रूप देने की उम्मीद करते हैं. इस समझौते का मकसद कृषि, खनिज, दवाओं और पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यापार को बढ़ावा देना है. जबकि शिक्षा भी सहयोग का एक प्रमुख क्षेत्र है. न्यूज़ीलैंड में 15,000 से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ते हैं, जिससे लोगों के बीच मजबूत संबंध बनाने में मदद मिलती है. दोनों देश पर्यटन, खेल और शिक्षा में सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने की भी योजना बना रहे हैं.