नई दिल्ली : बीते तीन दिन के युद्ध के हालातों को देखकर समझना मुश्किल नहीं है. सिर्फ तीन दिन में ही हिंदुस्तान के हाथों बुरी तरह पिटने के बाद पाकिस्तान के हुक्मरान और आतंकी फौज के मुखिया मुनीर अमेरिका की शरण में जा पहुंचे थे. इसके बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को एक बार फिर जीवन दान दिला दिया. इन तीन दिनों में पाकिस्तान को अपनी औकात पता चल गई.
भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के साथ-साथ चीन और तुर्किए को भी बुरी तरह बेइज्जत कर दिया. जो पाकिस्तान कल तक चीन-तुर्किए के हथियारों पर इतरा रहा था. घटिया माल की धौंस दिखा रहा था. हिंदुस्तान के छोटे-छोटे ड्रोन्स और डिफेंस सिस्टम ने उनकी बखिया उधेड़ कर रख दी. लेकिन सवाल है कि कैसे?
हिंदुस्तान के खिलाफ पाकिस्तान की साजिश का एक और सबूत आपको बताते हैं. पाकिस्तान के सठिया चुके रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का सबसे बड़ा कबूलनामा बताते हैं. ख्वाजा आसिफ ने भारत को धमकी देते हुए कहा, ‘मदरसे के और मदरसे के छात्रों का ताल्लुक है, तो इसमें कोई शक नहीं है कि वो हमारी सेकंड डिफेंस लाइन है. वहां पर नौजवान जो पढ़ते हैं वो अल्लाह के फजल से वो दीन के साथ भी जुड़े हैं और इसके साथ वो उन्होंने फरमाया कि उनका इस्तेमाल दुश्मन से निपटने के लिए भी किया जा सकता है.’
इससे पता चलता है कि भारत के खौफ से जंग का मैदान छोड़ कर भाग रही फौज की जगह पाकिस्तान युद्ध में मदरसों के बच्चों को ढाल बनाने की तैयारी में था. हिंदुस्तान ने ऐसे ही आतंक के खिलाफ पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर की ताकत दिखाई है. दरअसल आतंक के जिन अड्डों को भारत ने मिसाइल हमला करके मिट्टी में मिला दिया ना. उन कथित मदरसों में आतंक की ट्रेनिंग लेने वाले छात्रों ने खुद कैमरे के सामने कबूल किया कि उनके मदरसे में मुजाहिद्दीन बनाए जाते हैं.
3 दिनों में खुल गई पाकिस्तान की पोल : उनके उस्ताद इस बात पर खुश हैं कि आतंक की ट्रेनिंग ले रहे बच्चे महफूज हैं लेकिन अब ज़्यादा दिनों तक महफूज नहीं रहेंगे क्योंकि पाकिस्तान इन्हें मानव बन बनाने की तैयारी कर चुका है. भारत ऐसे आतंकियों को चुन चुन कर फिर उनके अंदर बारूद भरेगा. लेकिन सवाल है कि आखिर पाकिस्तानी रक्षा मंत्री को इन बच्चों को युद्ध में उतारने की बात क्यों करनी पड़ी.
आप इसकी वजह सुनेंगे तो आपके भी होश फाख्ता हो जाएंगे. असल में पाकिस्तान जिन चाइनीज और तुर्किश हथियारों के दम पर भारत से टकराने की तैयारी किए बैठा था. उन खोखले हथियारों की पोल 3 दिन के युद्ध में ही खुल गई. जिससे पाकिस्तान की फजीहत तो पूरी दुनिया में हुई ही है. चीन और तुर्की की इज्जत भी लुट गई है. भारत ने इन हथियारों को जमीन पर मारा. आसमान में मारा और पाकिस्तान की सीमा में घुसकर मारा. अब 25 करोड़ पाकिस्तान ये सवाल पूछ रहे हैं मारा तो मारा लेकिन कैसे मारा.
अब हम आपको बताते हैं कि मुनीर की पीठ पीछे बैठे चीन का मुंह कैसे काला हो गया है. ये पहला सबूत, पाकिस्तान के चाइनीज फाइटर जेट को भारत ने मिसाइल मारकर तबाह कर दिया. ये रहा दूसरा सबूत, चीन ने जोश-जोश में पाकिस्तान को लंबी दूरी की मिसाइलें भिजवाई थीं, वो भी भारत के डिफेंस सिस्टम ने मार गिराई. लाहौर को बचाने के लिए चाइनीज डिफेंस सिस्टम लगाया गया था. उसे भारत के ड्रोन ने उसे तबाह कर दिया.
कबाड़ा हो गए चीन-तुर्की के हथियार! : पाकिस्तानी रक्षा मंत्री इसके पीछे दलील क्या दे रहे हैं, वो भी आपको पढ़ लेनी चाहिए. ख्वाजा आसिफ ने कहा, ‘जो ड्रोन हमला हुआ, वो ड्रोन हमला बेसिकली हमारी जो लोकेशन हैं, उनका पता करने के लिए किया गया. ये टेक्निकल चीज है जिसे मैं उस तरह समझा नहीं सकता हूं. लेकिन इसलिए उनको इंटरसेप्ट नहीं किया गया ताकि वो हमारी लोकेशन लीक ना हों.’
वे सीधा-सीधा ये कबूल नहीं कर हैं कि पाकिस्तान का डिफेंस सिस्टम फेल हो गया. ऊल-जुलूल दलीलें दी जा रही है. खैर उम्र का तकाजा है. इनकी बात फिर भी समझी जा सकती है. प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ की तो बात की क्या की जाए. उन्हें तो मारे ठंड के कंपकंपी चढ़ी है.अब वो ज़्यादा कुछ कर भी क्या सकते हैं. सा इतना है नहीं कि अच्छी क्वालिटी के हथियार खरीद पाते. चीन और तुर्किए से जो कबाड़ मिला. वो भारत के खिलाफ दाग दिया, लिहाज़ा कुछ रास्ते में ही दम तोड़ गए और टारगेट तक पहुंचे से पहले ही मार गिरा दिए गए.