नई दिल्ली : ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों बुरी तरह पिटाई खाने के बाद पाकिस्तान की सेना बौखलाई हुई है. वह अब अपनी खिसियाहट बलूचिस्तान में निकालने में जुट गई है. भारत के साथ संघर्ष विराम होने के बाद उसने अब बलूचिस्तान के विभिन्न इलाकों में सैन्य अभियान शुरू कर दिया है. स्थानीय अधिकारियों ने सोमवार को सुरब जिले के कुछ हिस्सों और खुजदार की ज़ेहरी तहसील को “संवेदनशील” घोषित कर दिया. इन इलाकों में बलूच फाइटर्स कई चौकियों, सड़कों और इमारतों को अपने कब्जे में ले चुके हैं. इनके अलावा भी कई अन्य इलाकों में सैन्य झड़पें जारी रहने की खबरें हैं.
सहायक आयुक्त ने जारी की एडवाइजरी : द बलोचिस्तान पोस्ट के मुताबिक, ज़ेहरी के सहायक आयुक्त ने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में निवासियों को सलाह दी गई है कि वे प्रभावित या आसपास के पहाड़ी इलाकों में अनावश्यक रूप से यात्रा करने से बचें. सहायक आयुक्त ने अपने बयान में बताया कि अंजीरा, नज्जीरा, अर्चीनो, गर्म-आप, गज़ान और बलबल के इलाकों के साथ-साथ आस-पास के गांवों में संभावित खतरों के जवाब में एहतियाती कदम उठाए गए हैं.
राष्ट्रवादियों ने कई चौकियों पर बोला धावा : सूत्रों के मुताबिक, सैकड़ों हथियारबंद बलूच लोगों के एक समूह ने बरखान जिले के रारहशाम इलाके में नाकेबंदी कर दी. उन्होंने वहां पर अस्थाई चौकियां बना ली हैं और वे इलाके में आने-जाने वाले वाहनों की कड़ी जांच कर रहे हैं. जबकि कच्छी जिले में अज्ञात बंदूकधारियों ने लेवी चेकपोस्ट पर धावा बोलकर उसे अपने नियंत्रण में ले लिया. उन्होंने वहां से सरकारी हथियार और उपकरण भी लूट लिए.
हालाँकि किसी भी समूह ने बरखान और कच्छी में सोमवार को हुई घटनाओं की जिम्मेदारी नहीं ली है, माना जा रहा है कि यह बलूच राष्ट्रवादियों का काम है, सशस्त्र लेकिन उन्हें व्यापक रूप से सशस्त्र स्वतंत्रता आंदोलन के हिस्से के रूप में देखा जाता है जिसने दो दशकों से प्रांत को जकड़ रखा है.
बलूचिस्तान में तेज हुआ राष्ट्रवादी आंदोलन : ये घटनाएं बलूचिस्तान में हाल के दिनों में विद्रोही गतिविधियों में तेज वृद्धि की ओर इशारा कर रही हैं. हाल के हफ्तों में, बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने 51 स्थानों पर 70 से अधिक हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिसमें सैन्य काफिले, चौकियाँ, खुफिया कार्यालय, खनन परिवहन वाहन और पाकिस्तान सरकार के डेथ स्क्वायड को निशाना बनाया गया. बीएलए ने हमलों की इस लहर को “ऑपरेशन हेरोफ़” के तहत अपने सैन्य अभ्यास का हिस्सा बताया है.
पाकिस्तानी सेना ने तेज किया अपना दमन चक्र : सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने बताया कि बलूचिस्तान में अलग देश की मांग को लेकर तेज हो रहे आंदोलन को रोकने के लिए सैकड़ों जवान सूबे में उतार दिए हैं. वायरल हो रहे एक वीडियो में 40 से अधिक सैन्य वाहनों का काफिला बलूचिस्तान की ओर जाता दिखाई दिया. उन ट्रकों में सैनिकों के साथ भारी हथियार भी शामिल हैं.
फिर से हो सकता है नए ‘बांग्लादेश’ का उदय : पाकिस्तानी सेना ऐसी हिंसक कार्रवाइयों के जरिए बलूच राष्ट्रवादी आंदोलन को दबाने की कोशिश में लगी है. जो दशकों से अपने लिए अलग मुल्क की मांग को लेकर आंदोलन करना करता आ रहा है. लेकिन पाकिस्तानी सेना जितना दमन करने की कोशिश कर रही है, उतना ही यह आग और फैलती जा रही है. माना जा रहा है कि आर्थिक रूप से कंगाल हो चुके पाकिस्तान की सेना ने अपना व्यवहार नहीं सुधारा तो बांग्लादेश की तरह फिर से एक नए देश का उदय हो सकता है.