भारत में धर्मांतरण के जरिये जिहादी बना रहे थे ISI की लेडी ब्रिगेड, पाकिस्तान की बड़ी साजिश बेनकाब

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नई दिल्ली : आगरा धर्मांतरण मामले में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। धर्मांतरण की आड़ में पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी ISI की बहुत बड़ी साजिश बेनकाब हुई है। धर्मांतरण की आड़ में भारत में पाकिस्तान ISI की लेडी ब्रिगेड तैयार कर रहा था। पूरे भारत में पाकिस्तान ISI लेडी स्लीपर सेल तैयार करने की प्लानिंग रच रहा था।

NGO से भेजा जा रहा था पैसा : फिलीपींस में एक NGO GO Fund Me को धर्मांतरण का पैसा भेजा जा रहा था। क्रिप्टो और डॉलर में फंडिंग के सबूत मिले हैं। कनाडा और इंग्लैंड से वाईट में चंदे की शक्ल में इस सिंडिकेट को भारत पैसा आ रहा था।

धर्मांतरण के सिंडिकेट की एक व्हाट्सएप विंग : दिल्ली में भी धर्मांतरण के सिंडिकेट की एक व्हाट्सएप विंग भी है। पीड़ित लड़कियों को इस सिंडिकेट के जरिए जेहाद के लिए भी उकसाया जा रहा था। पाकिस्तान के यूट्यूबर तनवीर अहमद और  साहिल अदीब बेनकाब हुए हैं, जो ये दोनों धर्मांतरण सिंडिकेट में भारत की पीड़ित लड़कियों को इस्लाम धर्म अपनाने की ऑनलाइन ट्रैनिंग देता था।

सैयद दाऊद कर रहा था फंडिंग : ये दोनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करते हैं। इस सिंडिकेट को कनाडा में मौजूद सैयद दाऊद फंडिंग कर रहा था। सैयद दाऊद मध्य प्रदेश के गांधी नगर का रहने वाला है और कनाडा में इस्लामिक सेंटर चलाता है।

टेरर एंगल पर भी जांच जारी : कश्मीर के एक मास्टरमाइंड हैरिस की तलाश जारी है। लड़कियों को गल्फ देशों में भेजने का भी प्लान था। टेरर एंगल पर जांच जारी है। यूपी ATS के अलावा सेंट्रल एजेंसिया टेरर एंगल पर काम कर रही है।

पाकिस्तान के ये दो लोग हो सकते हैं मास्टरमाइंड : जांच में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान के तनवीर अहमद और साहिल अदीब इस सिंडिकेट के मास्टरमाइंड हो सकते हैं। दोनों सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर हैं। हालांकि, ये उनके नकली नाम भी हो सकते हैं। दोनों उस वाट्स एप ग्रुप के एडमिन हैं, जिसमें 100 से ज्यादा हिन्दू लड़कियां जुड़ी हुई हैं। सभी लड़कियों का धर्मांतरण कराया गया था।

ऑनलाइन होती थी इस्लाम पढ़ाने की क्लास : कई लड़कियां इतनी ज्यादा रेडिक्लाइज हो चुकी हैं कि उन पर काउंसलिंग का कोई असर नहीं हो रहा है। लड़कियों को रेडिक्लाइज करने का काम कश्मीर की लड़कियों के एक ग्रुप को सौंपा गया था। कन्वर्टेड लड़कियों को रिवर्टी कहा जाता था। इन्हें जूम लिंक भेजकर नमाज और इस्लाम के बारे में पढ़ने की क्लास होती थी। आरोपी सोशल मीडिया और गेमिंग एप के जरिए लड़कियों को निशाना बनाते थे।

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