नई दिल्ली : पाकिस्तान में सिंधु नदी को लेकर इन दिनों बवाल मचा हुआ है. दरअसल यहां की जनता सरकार की ओर से शुरु किए गए सिंधु नदी नहर प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. ‘चोलिस्तान प्रोजेक्ट’ नाम का यह प्रोजेक्ट दक्षिण पंजाब की जमीन की सिंचाई के लिए शुरु किया गया है. योजना का हर तरफ विरोध किया जा रहा है. इतना ही नहीं कई राजनीतिक दल भी इसका विरोध कर रहे हैं. रविवार को इसको लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने रेलवे लाइन को जाम किया.
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में खैरपुर शहर के पास बड़ी संख्या में लोगों ने सिंधु नदी नहर प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए रेलवे लाइन को जाम कर दिया. इस वजह से पंजाब की ओर जाने वाली सभी ट्रेनें रुक गईं. सरकार की सहयोगी पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने भी इसका कड़ा विरोध किया है. PPP ने चेतावनी दी है कि अगर यह योजना रद्द नहीं की गई, तो वे शहबाज शरीफ की सरकार को गिरा सकते हैं. इसको लेकर रविवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों और कुछ राष्ट्रवादी पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने खैरपुर शहर के पास अपना विरोध जारी रखा और रेलवे लाइन को जाम कर दिया.
सिंध प्रांत में प्रदर्शनकारी और राजनीतिक पार्टियों के नेता जगह-जगह बड़ी सभाएं कर अपना विरोध जाहिर कर रहे हैं. वे शहबाज शरीफ सरकार और उसकी सहयोगी पार्टी PPP की आलोचना भी कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह योजना सिंध की उपजाऊ जमीन को रेगिस्तान में बदलने की साजिश है. नहर प्रोजेक्ट के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध को वकीलों का भी समर्थन मिला है. सिंध प्रांत में वकीलों ने लगातार तीसरे दिन धरना दिया.
विरोध प्रदर्शन में लोगों ने कई घंटों तक रेल पटरी जाम कर दी थी, लेकिन बाद में रेल सेवा फिर से शुरू कर दी गई. हालांकि, नहर परियोजना के खिलाफ जारी प्रदर्शन और रैलियों की वजह से पूरे सिंध प्रांत में जनजीवन प्रभावित हो रहा है. जामशोरो, लरकाना, नौशहरो फिरोज, सुजावल, नवाबशाह और घोटकी जैसे बड़े शहरों और कस्बों में विरोध के चलते बाजार बंद रहे. कई जगहों पर लोगों ने सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम कर दिया, जिससे सिंध और पंजाब के बीच आने-जाने का रास्ता बंद हो गया.
सिंध के थारपारकर जिले में मीठी के रहने वाले हनीफ शमोन ने बताया कि लरकाना में दुकानें, पेट्रोल पंप और बाजार बंद रहे. रातोडेरो, बकरानी, डोकरी और बदाह जैसे इलाकों में भी पूरा कारोबार ठप रहा. जमशोरो और नवाबशाह में भी कामकाज रुका हुआ है. सुजावल, कंधकोट, शाहदादकोट, काशमोर और दूसरे जिलों से भी ऐसी ही खबरें आ रही हैं, जहां बाजार और सार्वजनिक सेवाएं बंद कर दी गई हैं.
शमोन ने कहा कि लोगों को लगता है कि यह सिंध के इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन है. सिंचाई नहरों के खिलाफ विरोध में पिछले तीन दिनों से पंजाब और दूसरे इलाकों की तरफ जाने वाली सभी सड़कें बंद हैं. सिंध के ज्यादातर हिस्सों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं.
पाकिस्तानी सरकार ने ग्रीन पाकिस्तान इनिशिएटिव के तहत 3.3 अरब डॉलर की लागत से छह नहरों का निर्माण करने की योजना बनाई है, जिससे दक्षिण पंजाब में 12 लाख एकड़ कथित बंजर भूमि को सिंचित किया जाएगा, हालांकि सिंध प्रांत ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है. सिंध सरकार को आशंका है कि इन नहरों के निर्माण से सिंधु नदी से उसके हिस्से का पानी कम हो जाएगा.