नई दिल्ली : पहली बार दुश्मन मुल्क पाकिस्तान से मुर्शिदाबाद में हिंसा फैलाने वालों को चेतावनी दी गई है. चेतावनी भी ऐसी-वैसी नहीं बल्कि साफ-साफ अल्टीमेटम दिया गया कि अगर अब भी हिंदुओं के सब्र का इत्मिहान लेना बंद नहीं किया. सनातनियों को उकसाना बंद नहीं किया तो भगवान शिव की तरह हिंदू भी तांडव करेंगे. जब 120 करोड़ हिंदू तांडव करेंगे तो पाकिस्तान में भी दंगाइयों को पनाह नहीं मिलेगी.
मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद पाकिस्तान में भगवान शिव की बात क्यों होने लगी है? पाकिस्तानी यू-ट्यूबर कह रहे हैं कि अगर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने उकसाना बंद नहीं किया तो भारत के हिंदू भी जवाब में शिव जैसा तांडव करने लगेंगे? सवाल ये है कि पाकिस्तानियों ने आज वक्फ कानून के सामने सरेंडर करने की बात क्यों कही है?
वक्फ पर आंख निकालने की धमकी : इसकी वजह बना है ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद तापी हलदर का बयान. जिसमें उन्होंने धमकी दी कि वक्फ की संपत्ति पर नजर रखने वालों की आंखें निकाल ली जाएंगी. मुर्शिदाबाद में 3 दिन तक जो हंगामा मचा. आगजनी की गई. लगता बापी हलदर का उससे भी मन नहीं भरा है. ना जाने ये आंखे निकाल देने वाला बयान देकर देश को कौन सी नफरती आग में झोंकना चाहते हैं. अब हलदर के इस जहर का जवाब पाकिस्तान से आया है.
पाकिस्तान से उठी आवाज़-हिंदू करेंगे तांडव! : भारत के मुसलमानों को समझाते हुए एक पाकिस्तानी यूट्यूबर ने कहा, अगर भारत के 100 करोड़ हिंदू अगर आग जाएं तो ये 20 करोड़ मुसलमान कहां जाएंगे, क्या इन्हें पाकिस्तान पनाह देगा. इन्हें अफगानिस्तान देगा या ईरान देगा. भारत का बॉर्डर चीन के साथ मिलता है. ये चीन जाएंगे. हमने सुना है कि हिंदू बोलता है कि मैं भगवान शिव का पुजारी भी हूं, तो मेरे अंदर वो शिवरूप भी है. वो तो साइड पर बैठे हैं. भारत का मुसलमान क्यों हिंदुओं को उकसा रहा है, अगर ये सब चीजें अगर हिंदू जाग जाए तो वो मंजर बताइएगा कि क्या होगा फिर.
भगवान शिव ने जब तांडव किया था तो पूरी सृष्टि पर संकट मंडरा गया था. आज अगर पाकिस्तान से हिंदुओं के तांडव करने की आशंका जताई जा रही है. तो वक्फ पर सियासत करने वालों को ये बात समझ लेनी चाहिए कि आखिर ऐसी आशंका क्यों जताई गई है. असल में वक्फ कानून को पाकिस्तान के एक यू-ट्यूब चैनल ने सुप्रीम कोर्ट की वकील नाजिया इलाही को लाइव बिठाया था. इसी दौरान नाजिया वक्फ को लेकर किए जा रहे विरोध की कुछ क्लिप दिखाई. जिससे पाकिस्तानी यू-ट्यूबर भड़क गई.
‘बहुसंख्यक हिंदुओं को निशाना बना रहे अल्पसंख्यक’ : इस वीडियो को देखकर पाकिस्तान की पत्रकार शाइला हैरान रह गई कि जिस मुल्क में मुसलमान खुद को अल्पसंख्यक बताते हैं. वहां पर वही अल्पसंख्यक मुसलमान इस तरह हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं. वो भी विरोध के नाम पर.
हिंदुओं से जो लड़ने का शौक रखते हैं और जानबूझकर उन्हें उकसाने का काम करते हैं, वो एक बार मुगलों की स्टोरी भी पढ़ लें क्योंकि भारत का मुसलमान मुगलों को बहुत पूजता है. मुगलों की 7 नस्लें बर्बाद हो गईं. पूरे भारत को फतह नहीं कर सके, तो ये वो हिंदू हैं. जब भारत के अंदर कानून बनाया जाता है तो टोपी वाले भाईजान क्यों हैं परेशान, अगर वक्फ बिल पास हो गया है जिसके ऊपर 140 करोड़ अवाम बात कर रही है तो इसमें से 20 करोड़ अवाम को क्यों डर लग रहा है.
दरअसल, पाकिस्तानी भी ये बात जानते हैं कि अब तक वक्फ बोर्ड एक ऐसा जमीदार था, जो जहां पर भी अपना दावा कर देता था. उसे फिर खारिज नहीं किया जा सकता था. बस वक्फ के इसी कायदे-कानून को बदलने के लिए भारत सरकार वक्फ संशोधन बिल लेकर आई. संसद के दोनों सदनों में इसे पास भी करवा दिया गया. कानून भी बन गया मगर टोपी वाले भाईजान इसे बर्दाश्त करने को तैयार नहीं.
वक्फ बोर्ड के पास 60 लाख एकड़ जमीन! : पाकिस्तान के डिफेंस एक्सपर्ट कमर चीमा के मुताबिक, उन्होंने (भारत ने) इसकी पावर को कम किया है क्योंकि ये हर जगह कब्जा कर लेते थे. जो वक्फ वाले थे, जो वक्फ बोर्ड जो है, ये हर जगह पर कंट्रोल कर जाते थे. अब जब मजहब का नाम आता है तो पूरा अधिकार है. आपको पूरा अधिकार है. अब कब्जा कोई भी कर ले, मजहब के नाम पर, पाकिस्तान में भी बहुत सी ऐसी जगह हैं. जहां पर मस्जिद बना दीं. फिर हुकूमत क्या करे. अगर मस्जिद को खत्म करेंगे तो शोर मच जाता है.
पाकिस्तान के पढ़े-लिखे एक्सपर्ट कमर चीमा तक ये बात समझ रहे हैं कि आखिर वक्फ बोर्ड का किस तरह दुरुपयोग किया जा रहा था. अगर आप अब भी कंफ्यूज हैं तो हम बताते हैं. दरअसल..,वक्फ बोर्ड के पास भारत में तीसरे नंबर पर सबसे ज़्यादा जमीन है. पहले नंबर पर भारतीय सेना के पास जमीन है. दूसरा नंबर भारतीय रेलवे का आता है और तीसरा नंबर है वक्फ बोर्ड का.
मजे की बात ये है कि वक्फ बोर्ड के पास जितनी भी जमीन है. उनमें से ज्यादातर का कोई कागज या दस्तावेज ही नहीं है. जिससे ये साबित होता हो कि वक्फ को ये जमीन कहां से और कैसे मिली. सच्चर कमेटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वक्फ बोर्ड के पास 60 लाख एकड़ जमीन है. इसकी मार्केट वैल्यू करीब 2 लाख करोड़ है. दावा है कि जमीन से 20 हज़ार करोड़ रुपये का सालाना रेवेन्यू हो सकता है.
विरोध के नाम पर लहरा रहे ISIS के झंडे : लेकिन मजहबी राजनीति करने वालों को इससे फर्क कहां पड़ता है. उन्हें तो सिर्फ विरोध जताना है और अपने फायदे के लिए वक्फ का ताल्लुक सीधे इस्लाम से जोड़ना है. जबकि सच तो ये है कि वक्फ का जिक्र ना तो कुरान में है और ना ही इस्लाम में.
पाकिस्तान के पढ़े-लिखे लोग बता रहे हैं कि वक्फ बोर्ड में संशोधन मुसलमानों के पक्ष में है. इसका विरोध करने के बजाय सम्मान होना चाहिए. मगर भारत के मुसलमान क्या कर रहे हैं. ये विरोध के नाम पर ISIS के झंडे लहरा रहे हैं. फिलिस्तीन को अपना अब्बा बना रहे हैं और खुलेआम हमास की वकालत कर रहे हैं.
कुल मिलाकर मसला यही है कि कुछ लोग दीन के नाम पर मुसलमानों को गुमराह करते रहे हैं और वक्फ बोर्ड को मजहब से जोड़कर मलाई खाते रहे हैं. मगर वक्फ बिल में संशोधन के बाद अब उन्हें ये मलाई हाथ से जाते हुए दिख रही है. लिहाज़ा उनका बिलबिलाना तो बनता है. लेकिन जो आम मुसलमान गुमराह होकर इसका विरोध कर रहे हैं. वो जरा ठंडे दिमाग से सोचे कि इतने दशकों से वक्फ बोर्ड की जो व्यवस्था बनी हुई थी. उससे उन्हें क्या मिला. अगर मिला होता तो क्या भारत का गरीब मुसलमान आज इस हालत में होता.