नई दिल्ली : बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ट्रेन हाइजैकिंग के दौरान बंधक बनाए सभी 214 पाकिस्तान सैन्य कर्मियों को मार डालने का दावा किया है. शुक्रवार को जारी किए गए बयान में विद्रोही संगठन ने कहा कि उसने उसने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर कब्जा करने के दौरान पकड़े गए सभी 214 पाकिस्तानी सैन्य बंधकों को मार डाला है. समूह ने पाकिस्तान पर अपनी मांगों को अनदेखा करने और बंधकों की रिहाई के लिए गंभीर बातचीत में शामिल होने से इनकार करने का आरोप लगाया.
सैन्य कर्मियों को विशेष बोगियों में कर दिया बंद : संगठन के प्रवक्ता ने ऑपरेशन दर्रा-ए-बोलन की विस्तार से जानकारी भी दी. प्रवक्ता ने बयान में बताया कि श्री बलूच ने बताया कि इस ऑपरेशन को BLA की मजीद ब्रिगेड ने अंजाम दिया. इस ब्रिगेड में आत्मघाती फिदायीन हमलावर शामिल होते हैं. ब्रिगेड के फ्रीडम फाइटर्स ने पहले आईईडी से ट्रेन के अगले हिस्से में ब्लास्ट किया. जैसे ही ट्रेन रुकी, उसके बाद संगठन के लड़ाकों ने कुछ बंधक सैन्य कर्मियों को विशेष बोगियों में बंद करके अपनी पोजीशन ले ली. जबकि बाकी बंधकों को सुरक्षित स्थान पर प्रोटोकॉल के तहत पहुंचा दिया गया.
भीषण जंग में बंधकों को मार गिराया गया : प्रवक्ता ने बताया, जब पाकिस्तानी SSG कमांडो की जरार कंपनी जाफर एक्सप्रेस की बोगियों में बंद बंधकों को बचाने के लिए पहुंची, तो फिदायीन ने उन्हें घेर लिया और उन पर भीषण हमला किया. यह लड़ाई कई घंटों तक चली, जिसमें SSG कमांडोज को भारी नुकसान उठाना पड़ा. इस भीषण लड़ाई के दौरान संगठन के लड़ाकों बंधकों को भीषण लड़ाई के दौरान मार दिया गया.
आखिरी गोली खुद को मारकर हो गए शहीद : संगठन ने अपने बयान में कहा कि ऑपरेशन में शामिल फिदायीन लड़ाकों ने ‘आखिरी गोली’ तक लड़ने के अपने मिशन की फिलॉसफी का पालन किया. जब उनके पास आखिरी गोली बची तो उससे खुद को मारकर शहादत को गले लगा लिया.
पाकिस्तान सेना की आलोचना करते हुए BLA प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने फिदायीन लड़ाकों के शव को अपनी सफलता के रूप में दिखाया. जबकि उनका मिशन कभी भी जीवित वापस लौटना नहीं बल्कि आखिरी गोली तक लड़ना था और उन्होंने इसे पूरी ईमानदारी से पूरा भी किया.
पाकिस्तान सेना कर रही गलतबयानी : प्रवक्ता ने बंधकों को बचाने के पाकिस्तानी दावों का भी खंडन किया, जिसमें कहा गया कि पाकिस्तानी सेना ने ट्रेन हाईजैकिंग के दौरान लोगों को बचाया. जबकि सच्चाई ये है कि संगठन ने ट्रेन हाईजैक के पहले दिन ही बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को युद्ध के नियमों के तहत रिहा कर दिया था. उन्हें पाकिस्तानी सेना ने नहीं छुड़ाया बल्कि बीएलए ने खुद छोड़ा था.
बीएलए प्रवक्ता ने आगे कहा कि बोलन में भीषण संघर्ष जारी है, जिसमें बलूच लड़ाके कई क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना पर घात लगाकर हमला कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना चल रही झड़पों के कारण अपने शहीद कर्मियों के शवों को वापस लाने के लिए संघर्ष कर रही है. हर बीतते पल के साथ, युद्ध के मैदान में बीएलए की श्रेष्ठता स्पष्ट होती जा रही है. लेकिन लड़ाई अभी जारी है.