पाकिस्तानी इकॉनमी पर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक, छोटे-छोटे एक्शन से ही पस्त हो रहा पाकिस्तान

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नई दिल्ली : पाकिस्तान बीते 14 दिनों से रोज अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा है. सुबह-शाम युद्ध की धमकी देकर पाकिस्तान अपने ताबूत पर आखिरी कील ठोकने पर तुला है. इस्लामाबाद को अपनी टुच्ची और टुटपुंजिया हरकतों के चलते हर घंटे तगड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है. डेली बेसिस के हिसाब से देखें तो पहले से लहूलुहान पाकिस्तान की इकॉनमी आईसीयू से निकलकर वेंटिलेटर पर पहुंच गई है. पीएम मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने भारत-पाकिस्तान युद्ध के खतरे के बीच इस्लामाबाद को अपनी सेना पर भारी भरकम खर्च करने के लिए मजबूर करके, बिना एक भी गोली और बम चलाए शहबाज शरीफ को घुटनों पर ला दिया है.

हर घंटे कंगाल हो रहा पाकिस्तान : ‘द संडे गार्जियन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की थलसेना, नौसेना और वायुसेना तीनों 22 अप्रैल यानी पहलगाम हमले के बाद से रोजाना करीब 1.5 से 3.2 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त खर्च कर रहे हैं, जो कि 45-96 मिलियन डॉलर प्रति माह के बराबर है. महंगाई की मार और गरीबी के जाल और कर्ज के बोझ दले पाकिस्तान के लिए यह बहुत बड़ी रकम है, जिसकी अर्थव्यवस्था पहले से ही खस्ताहाल है. इन हालातों के बीच लाखों पाकिस्तानी रोजाना गरीबी और भुखमरी की ओर बढ़ते जा रहे हैं.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट : रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हजारों सैनिकों को मूव कराकर वहां अपनी मजबूत स्थिति दर्ज करा चुकी है. पाकिस्तान के अलग-अलग मोर्चों से सैनिक बुलाकर पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में जुटाए जा रहे हैं. बलूचिस्तान में तैनात करीब 18,000 पाकिस्तानी सैनिकों को वहां से हटाकर पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में तैनात किया है. अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तानी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण लगभग 4 अरब डॉलर घट गया है, क्योंकि आतंकवाद को पालने वाले देश पाकिस्तान के पास भारत जैसी विशाल बहुराष्ट्रीय कंपनियां नहीं हैं.

धड़ाम हो चुका है पाकिस्तानी बाजार : अप्रैल महीने के आखिर में पाकिस्तानी रुपया जो पहले से ही गिरावट में था, साल 2023 की तुलना में 30 फीसदी और गिर गया है. भारत के साथ बढ़ते हालात के मद्देनजर, IMF ने 2025 में पाकिस्तान की जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाकर 3.2% कर दिया है.

भारत-पाकिस्तान युद्ध पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को कैसे तबाह कर देगा? : बताते हैं कि पाकिस्तानी सेना हर दिन कितना खर्च कर रही है और कैसे युद्ध पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त कर देगा. पाकिस्तान, पीओके, बलूचिस्तान और कराची तीनों मोर्चों पर बुरी तरह फंसा है. एक ओर ध्यान देता है तो दूसरा हिस्सा हाथ से छूटने लगता है.

हर दिन 25 करोड़ रुपये फूंक रहा पाकिस्तान : पाकिस्तानी नौसेना कराची और ग्वादर पोर्ट में गश्त पर लगभग 1,00,000 से 5,00,000 डॉलर खर्च करती है. भारतीय मुद्रा में ये रकम करीब 85 लाख रुपये से लेकर 4 करोड़ रुपये तक बैठती है. पाकिस्तान की टाइप 054 A/P फ्रिगेट और हैंगर श्रेणी की पनडुब्बियों का ईंधन भी महंगा है. अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तानी एयरफोर्स अपने JF-17 और F-16 फाइटर जेट्स का यूज करके लड़ाकू हवाई गश्त पर रोजाना 1,50,000-4,00,000 डॉलर खर्च करती है. हर विमान की रनिंग कॉस्ट 10 से 20 उड़ानों के लिए प्रति उड़ान घंटे 10,000-15,000 डॉलर बैठती है.

डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नियंत्रण रेखा (LoC) पर तैनात रहना पाकिस्तानी सेना के लिए काफी महंगा है. बख्तरबंद गाड़ियों के डीजल पेट्रोल पर रोजाना 8,00,000-18,00,000 डॉलर खर्च हो रहा है. सैनिकों और मिसाइल प्रणालियों के लिए रसद पर उसे रोजाना करीब 6,00,000 डॉलर खर्च करने पड़ते हैं.

पाक सेना का महीने का खर्च करीब 8 अरब रुपये : इस प्रकार कुल लागत 1.5-3.2 मिलियन डॉलर प्रतिदिन या 45-96 मिलियन डॉलर यानी 8 अरब रुपये प्रति महीना आती है. इससे पाकिस्तान के 2024-25 के रक्षा बजट पर 7.64 बिलियन डॉलर का बोझ बढ़ जाता है. पाकिस्तान की सेना पहले से ही टाइट बजट पर सर्वाइव कर रही है.

पाकिस्तानी सेना के बजट का सबसे बड़ा हिस्सा थलसेना का ($4-5 बिलियन) है, उसके बाद पाकिस्तानी एयरफोर्स को ($1.6 बिलियन) और पाकिस्तानी नेवी ($700-800 मिलियन) को बस इतने फंड से काम चलाना पड़ता है.

पाकिस्तानी इकॉनमी पर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक : भारत ने अभी तक बिना एक भी गोली चलाए पाकिस्तान की सेना का खर्च कई गुना बढ़ाकर पाकिस्तानी इकॉनमी पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है. वो भी तब जब ऐसी अटकलें थीं कि भारत, पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान पर तत्काल सैन्य हमला करेगा. फौरन मार करने के बजाए नई दिल्ली यानी भारत ने दुश्मन पाकिस्तान की पहले से ही कमज़ोर अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करके बुद्धिमानी भरा विकल्प चुना है. मोदी सरकार ने सभी पाकिस्तानी आयातों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार लगभग शून्य हो गया है, अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया है और महत्वपूर्ण सिंधु जल संधि रद्द करके पाकिस्तान की कमर तोड़ने यानी उसे मिट्टी से मिलाने का इंतजाम कर दिया है.

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